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Vidhyarthi aur anushasan
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उत्तर:-
हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता होती है। चाहे घर में हो या घर के बाहर, स्कूल, खेल का मैदान इत्यादि जगह पर अनुशासन की उपस्थिति अनिवार्य है।
अनुशासन का मतलब नियमों का पालन करना तथा 'नियमबध्द आचरण' नियमों का पालन करने से हमें अच्छी तथा सुखदायी जीवन प्रणाली प्राप्त हो सकती है।
विद्यार्थी दिशा में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इन दोनों का गहरा संबंध है अनुशासन का अर्थ ही नियम बध्द हैतो अगर विद्या।र्थी इस का अवलंबन नहीं करेगा तो विद्या ग्रहण करने में असमर्थ रहेगा । किसी भी क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता होती है मगर विद्यार्थी दशा में ज्यादा होती है।
विद्यार्थीयों को अपने लक्ष्य की ओर जाने के लिए जीवन प्रणाली में अनुशासन का उपयोग करना पड़ेगा । विद्यार्थी समय पर काम करने का प्रयास करेंगे तभी इनका विकास निश्चित है लेकिन उसके लिए जरूरत होगी अनुशासन की
जो विद्यार्थी अनुशासन को अपनाकर विद्या ग्रहण करता है उसे यश निश्चित प्राप्त होता है। वह अपनी सफलता की और आत्मविश्वास के साथ बढ़ता ही जाता है।
विद्यार्थियों को सफलता के मार्ग पर चलने के लिए अनुशासन एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में मदद करता है।
" अनुशासन और अभ्यास ही आत्मविश्वास पैदा होता है।"
विद्यार्थी की हमारे देश की भावी पीढ़ी है जो कि आगे जाकर हमारे देश का निर्माण करेगी. लेकिन विद्यार्थियों को अनुशासन में रहना नहीं पता होगा तो वे देश का निर्माण करने की वजह उसका नाश भी कर सकते है.
विद्यार्थी वर्ग देश की युवा शक्ति होता है अगर किसी देश की युवा शक्ति ही गलत रहा है और गलत संगत में हो तो उस देश का उद्धार होना संभव नहीं है.
Vidyarthi जीवन ही एक व्यक्ति के पूरे जीवन की आधारशिला होती है अगर यह आधारशिला ही कमजोर होगी तो आगे का भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का मुंह भी देखना पड़ सकता है. यह जीवन की कड़वी सच्चाई है लेकिन आजकल लोग इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे है.