Write a hindi poem on 'भारत माता', Don't copy from Google.
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हे मातृ भूमि तुमको नमन
हे जननी हे भारत माता
कितने सपूत शहीद हुए
कितनी बेटियों का सुहाग मिटा
धन्य हो तुम हे जननी
जो इतने वीर तुमने जना
कितनी राखी के बंधन छूटे
कितने सिन्दूर दफ़न हुए
इस अखंड भारत की रक्षाहित
कितने सपने उजड़ गए
ये भारत के वीर सपूतों
जननी का ये आवाहन है
दुश्मन को सबक सीखना है
सबको साथ निभाना है
माँ भारती का आदेश है
तुम स्वावलम्बी बनो
विकास करो व्यापार करो
निर्भर अब तुम नहीं रहो
अपने शहीद पुत्रों का बदला
मां भारती चाहती है
सभी देशजनों से संकल्प
स्वदेशी अपनाने का मांगती है
Answer :
तुम भारत,हम भारतीय हैं, तुम माता,हम बेटे
किसकी हिम्मत है कि तुमको दुष्टता - दृष्टि से देखे?
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ओ माता! तुम एक अरब से अधिक भुजाओ वाली,
सबकी रक्षा में तुम सक्षम, हो अदम्य बलशाली।
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भाषा, वेश, प्रदेश भिन्न हैं, फिर भी भाई-भाई,
भारत की साँझी संस्कृति में पलते भारतवासी।
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सुदिनों में हम एक साथ हँसते, गाते, सोते हैं,
दुदि्रन में भी साथ-साथ जगते पौरूष ढोते है।
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तुम हो शस्यश्यामला, खेतों मे तुम लहराती हो,
प्रकृति प्राणमयि, सामगानमयि, तुम न किसे भाती हो?
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तुम न अगर होती तो धरती वसुधा क्यों कहलाती ?
गंगा कहाँ बहा करती, गीता क्यों गाई जाती?
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