write a letter in hindi
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#यह पत्र मैंने स्वयं लिखा है कहीं से छापा नहीं है।
सेवा में,
श्रीमती कमला देवी,
B-75'जानकी विहार,
जयपुर,
दिनांक: १९ मई २०१८
विषय: मेरे द्वारा मेरे सहपाठियों के साथ की गई आमेर किले की यात्रा के वर्णन हेतु।
प्रिय मां,
यह पत्र मैं आपको उस यात्रा के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूं जो गत सप्ताह मैंने अपने सहपाठियों के साथ की थी।
गत सप्ताह हमारे विद्यालय द्वारा एक ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन किया गया था हम सभी से मात्र ₹50 लिए गए थे जो कि बहुत ही कम थे। हम लोग सुबह लगभग 9:00 बजे के करीब बस में किले के लिए रवाना हुए । रास्ते भर में हमने बहुत मस्ती की मैं आगे ड्राइवर जी के बगल वाली सीट पर ही बैठा था लगभग 10:00 बजे के करीब हम किले पर पहुंच गए।
वहां का दृश्य काफी विहंगम एवं मनमोहक था वहां से हमारा शहर काफी छोटा दिखाई दे रहा था। घर बहुत ही छोटे एवं सड़क पर चलने वाला यातायात चीटियों समान महसूस हो रहा था। फिर हम लोग किले के अंदर गए। हमें काफी ऊपर चढ़ना पड़ा हमारे पैर काफी दुख रहे थे ।मगर मन में उत्साह था तो दर्द महसूस नहीं हो रहा था ।अंदर पहुंच पहुंचकर वहां के संग्रहालय में ऐतिहासिक वस्तुएं देखी एवं किले की खूबसूरती को निहारा । फिर लगभग 2:00 बजे हमें भोजन भी दिया गया जो कि बेहद स्वादिष्ट था हम वहां पर शाम के 5:00 बजे तक रहे फिर वापस बस में बैठकर स्कूल आ गए स्कूल से सिर पिताजी लेने आ गए थे । एवं मैं तो जाते ही सो गया , काफी थक गया था ।
आपका आभार,
आपका प्यारा,
प्रशांत कुमार,
कक्षा आठवीं
#Prashant24IITBHU
सेवा में,
श्रीमती कमला देवी,
B-75'जानकी विहार,
जयपुर,
दिनांक: १९ मई २०१८
विषय: मेरे द्वारा मेरे सहपाठियों के साथ की गई आमेर किले की यात्रा के वर्णन हेतु।
प्रिय मां,
यह पत्र मैं आपको उस यात्रा के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूं जो गत सप्ताह मैंने अपने सहपाठियों के साथ की थी।
गत सप्ताह हमारे विद्यालय द्वारा एक ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन किया गया था हम सभी से मात्र ₹50 लिए गए थे जो कि बहुत ही कम थे। हम लोग सुबह लगभग 9:00 बजे के करीब बस में किले के लिए रवाना हुए । रास्ते भर में हमने बहुत मस्ती की मैं आगे ड्राइवर जी के बगल वाली सीट पर ही बैठा था लगभग 10:00 बजे के करीब हम किले पर पहुंच गए।
वहां का दृश्य काफी विहंगम एवं मनमोहक था वहां से हमारा शहर काफी छोटा दिखाई दे रहा था। घर बहुत ही छोटे एवं सड़क पर चलने वाला यातायात चीटियों समान महसूस हो रहा था। फिर हम लोग किले के अंदर गए। हमें काफी ऊपर चढ़ना पड़ा हमारे पैर काफी दुख रहे थे ।मगर मन में उत्साह था तो दर्द महसूस नहीं हो रहा था ।अंदर पहुंच पहुंचकर वहां के संग्रहालय में ऐतिहासिक वस्तुएं देखी एवं किले की खूबसूरती को निहारा । फिर लगभग 2:00 बजे हमें भोजन भी दिया गया जो कि बेहद स्वादिष्ट था हम वहां पर शाम के 5:00 बजे तक रहे फिर वापस बस में बैठकर स्कूल आ गए स्कूल से सिर पिताजी लेने आ गए थे । एवं मैं तो जाते ही सो गया , काफी थक गया था ।
आपका आभार,
आपका प्यारा,
प्रशांत कुमार,
कक्षा आठवीं
#Prashant24IITBHU
Prashant24IITBHU:
Shukriya bro. and you r also not less than a genius too
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1
73, राजेंद्र नगर,
नई दिल्ली,
दिनांक : 22.08.2015
आदरणीय माताजी,
सप्रेम नमस्ते ।
आशा है आप सकुशल एवं आनंद से होगे । मैं भी यहाँ अपने परिवारजनों सहित कुशलपूर्वक हूँ । मैं दो दिन पूर्व ही नैनीताल का भ्रमण कर वापस लौटा हूँ ।
नैनीताल एक पर्वतीय स्थल है । पर्यटन की दृष्टि से यह भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है । चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों व सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा यह स्थल सभी का मन मोह लेता है । ग्रीष्म ऋतु में यहाँ की ठंडी हवाएँ सभी को ताजगी पहुँचाती हैं । यहाँ की झील में नौका विहार का आनंद ही कुछ और है ।
ऐतिहासिक स्थल की इस सैर से हमें अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त हुईं । यहाँ आकर लोग शांति की भाषा सुन और समझ पाते हैं । मानव को मात्र मानव समझने का संदेश देती है साँची ।
आपका प्यारा,
देव कुमार
------------------
आशा करता हूँ यह उत्तर आपकी मदद करे।
नई दिल्ली,
दिनांक : 22.08.2015
आदरणीय माताजी,
सप्रेम नमस्ते ।
आशा है आप सकुशल एवं आनंद से होगे । मैं भी यहाँ अपने परिवारजनों सहित कुशलपूर्वक हूँ । मैं दो दिन पूर्व ही नैनीताल का भ्रमण कर वापस लौटा हूँ ।
नैनीताल एक पर्वतीय स्थल है । पर्यटन की दृष्टि से यह भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है । चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों व सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा यह स्थल सभी का मन मोह लेता है । ग्रीष्म ऋतु में यहाँ की ठंडी हवाएँ सभी को ताजगी पहुँचाती हैं । यहाँ की झील में नौका विहार का आनंद ही कुछ और है ।
ऐतिहासिक स्थल की इस सैर से हमें अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त हुईं । यहाँ आकर लोग शांति की भाषा सुन और समझ पाते हैं । मानव को मात्र मानव समझने का संदेश देती है साँची ।
आपका प्यारा,
देव कुमार
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आशा करता हूँ यह उत्तर आपकी मदद करे।
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