write a letter on Priye Bapu aap Amar Rahe 300 to 400 words in hindi
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मेरे प्रिय बापू,
मेरा नाम विनोद मैं इस पत्र कर माध्यम से आपको आपसे सीखी हुई बाते बताना चाहता हूँ | आपको देश के पिता माह और बापू के नाम भी जाना जाता है | आपने अपने देश को अंग्रेजों से आज़ाद करवाने में बहुत योगदान दिया है | हम आपके योगदान को कभी नहीं भूल सकते है |
एक भारतीय राजनीतिक नेता थे जिन्होंने अपने देश को ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया। मैं अपने जीवन में आपके दिखाए हुए रास्ते पर चलता हूँ | गांधीजी आपके जीवन से मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है |
हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए | शान्तिः से मुश्किलों का सामना करना चाहिए | लड़ाई करके कुछ नहीं मिलता | सत्य के रास्ते पर चलने से हम सब कुछ जीत सकते है | हमें अपने आस-पास सफाई रखनी चाहिए | सत्य पर हमेशा अटल रहना चाहिए | सत्य और अहिंसा और के रास्ते पर चलना चाहिए | बापू हमेशा अमर है और रहेंगे उनकी बातें उनकी सिख हमेशा उन्हें अमर रखेगी |
बापू जी के जीवन से हमें यही सीख मिलती है कि यदि हमें बार-बार असफलता का सामना करना पड़े तब भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए। हो सकता है कि इस असफलता के बाद ही सफलता मिलती है | आपने सत्य कहा की हमें हमेशा सच्चाई और शान्ति का रास्ता अपनाना चाहिए |
भारत का निवासी
विनोद,
जय हिंद |
Answer:
आदरणीय बापू ,
मुझे आज ईतनी खुशी हो रही है कि बयाँ नही कर सकता । मै करीब एक माह से आपको पत्र लिखने की कोशिश कर रहा हूँ , आज मौका मिला मुझे ये बताने के लिए कि आप मेरे जीवन में क्या मायने रखते हैं ।आपके द्वारा कहे गये , एक - एक शब्द मुझे कुछ नया कर दिखाने का जज्बा देती है। किस तरह आपने अहिंसा के बल पर भारत को आजादी दिलाई ये जग - जाहिर है।
मैने वो आपके द्वारा किये गये सभी आंदोलन का अध्ययन किया है - दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों हो रहे अत्याचार पर आपने किस तरह आवाज उठाई । और भारत का चंपारण सत्याग्रह हो , या फिर सविनय अवज्ञा आंदोलन या फिर भारत -छोड़ो आंदोलन , आपके बिना इन सभी परिवर्तन का होना असंभव - सा था । आपने हमें वो ज्ञान से अवगत करवाया जिससे हम अछूते थे ।
मै भी आप की तरह अहिंसा पर विश्वास रखता हूँ, पर आपके जैसा आत्मबल प्राप्त करना असंभव -सा लगता है। लेकिन मुझे विश्वास है मै कर सकता हूँ , क्योंकि आप मेरे हृदय में बसते हैं । चूँकी आप मेरे लिए तो भगवान हैं ।
अपने मन की और कई बातें हैं जो आपसे मै बाँटना चाहता हूँ , आपसे बातें करना चाहता हूँ , आपके पैरों में अपने सर रखना चाहता हूँ, और- तो- और आपकी लाठी पकड़ कर चलना चाहता हूँ । मेरे लिए तो ये स्वप्न ही है । लेकिन हाँ !!
आप दुर होते हुए भी मुझे प्रेरित करते हैं ।
बापू !! ये शतप्रतिशत सत्य है कि आप मेरे प्रेरणास्रोत हैं ।
आपका स्नेहाभिलाषी
अभिशेक कुमार