Hindi, asked by Murtaza111, 1 year ago

write a nibandh on ashiksha

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Answered by shetriyas
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गरीबी 

हम निर्धनता को भोजन, उचित घर, कपड़े, दवाईयाँ, शिक्षा और एक जैसे मानवाधिकार की कमी के रुप में परिभाषित कर सकते हैं। गरीबी इंसान को लगातार भूखे रहने, घर के बिना, कपड़ों के बिना, शिक्षा और उचित अधिकारों के बिना रहने को मजबूर करता है। देश में गरीबी के बहुत सारे कारण हैं हालाँकि समाधन भी है लेकिन इन परिस्थितियों में लिये भारतीय नागरिकों के बीच उचित एकता की कमी के कारण, गरीबी दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। किसी भी देश में संक्रामक रोगों का फैलना निर्धनता का एक कारण है क्योंकि गरीब लोग अपने स्वास्थ्य और स्वास्थ्यकर स्थिति का ध्यान नहीं रख सकते।

गरीबी उचित चिकित्सा, स्कूल जाने के लिये, ठीक से बोलने के लिये, तीन वक्त का भोजन खाने के लिये, जरुरी कपड़े पहनने के लिये, खुद का घर खरीदने के लिये, काम के लिये उचित तरीके से पैसा प्राप्त करने आदि के लिये लोगों को अक्षम बनाता है। बीमारी की ओर जाने के लिये एक व्यक्ति को निर्धनता मजबूर करती है क्योंकि वो गंदा पानी पीते हैं, गंदी जगह पर रहते हैं और अपर्याप्त भोजन खाते हैं। गरीबी के कारण शक्तिहीनता और आजादी की कमी होती है।

Answered by Mankuthemonkey01
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"अशिक्षा अपराध की जननी"


एक समृद्ध एवं शक्तिशाली देश होने के लिए जरूरी है कि देश के नागरिक शिक्षित हो। शिक्षा व्यक्ति को कल्पनाशक्ति, सोचने समझने की शक्ति देती है। इन्ही की सहायता से कोई व्यक्ति अपने आप को और अपने देश को किसी क्षेत्र में आगे बढ़ाता है। "विद्या ददाति विनयम" अर्थात विद्या से विनम्रता आती है। शिक्षा से व्यक्ति के अंदर सद्गुण आते हैं।

देश मे मौजूद जो अंधविश्वास एवं कुप्रथाएं हैं, उनका एक मुख्य कारण है शिक्षा का अभाव। एक अशिक्षित व्यक्ति इन आडम्बरो को बढ़ावा देने में सहायता करता है। अशिक्षा केवल कुप्रथाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अपराधों के लिए भी जिम्मेदार है।प्रायः देखा गया है कि अधिकतर अशिक्षित या कम पढ़े लिखे व्यक्ति ही चोरी, डकैती में भाग लेते है। कारण यह है कि अशिक्षित होने के कारण उन्हें रोज़गार नही मिल पाता इसलिए वे गलत राह पर चल पड़ते हैं। आज देश मे बेरोज़गारी की संख्या बढ़ती जा रही है जबकि आजकल के युवा तो शिक्षित हैं। नही, प्रायः छात्र नकल करके स्नातक करके डिग्रीयां ले लेते हैं, पर चूंकि वो नकल से उत्तीर्ण हुए होते हैं इसलिए उनके अंदर गुणों का अभाव रहता है। वे शिक्षित होकर भी अशिक्षित रह जाते हैं।

शिक्षा ग्रहण करने के परिणाम जितने मधुर होते हैं, अशिक्षा के परिणाम उतने ही कड़वे। अशिक्षित होने के कारण उन्हें रोज़गार नही मिलता जिससे वे भूखो मरने लगते हैं, या फिर वे कम पैसे वाले काम करके कष्ट में रहते हैं। कुछ लोग गलत राह पर चल पड़ते हैं जिससे समाज की छवि खराब होती है। अतः, हमें शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। लोगों को शिक्षा की ओर जागरूक करेंगे तभी हमारा देश उन्नति के मार्ग पर चल पाएगा।

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