write a note on moral of short story lalaji by jim corbett class 7th
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yes
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भगवान से भी अधिक महत्व गुरु को दिया गया है। यदि गुरु रास्ता न बताये तो हम भगवान तक नहीं पहुंच सकते। ... गुरु का सान्निध्य, प्रवचन, आशीर्वाद और अनुग्रह जिसे भी भाग्य से मिल जाए उसका तो जीवन कृतार्थता से भर उठता है क्योंकि गुरु बिना न आत्म−दर्शन होता है और न परमात्म−दर्शन।
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