Write a paragraph about सुक्तिस्ताबकः(In Sanskrit)
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इस पाठ में संस्कृत साहित्य की कुछ सूक्तियों का संकलन है। ‘सूक्ति’ शब्द ‘सु’ उपसर्ग तथा ‘उक्ति’ मूल शब्द से बना है। सु + उक्ति = ‘सूक्ति’ का अर्थ है-अच्छा वचन। अत्यल्प शब्दों में जीवन के बहुमूल्य तथ्यों को सुंदर ढंग से कहने के लिए संस्कृत साहित्य की सूक्तियाँ प्रसिद्ध हैं। यथा परिश्रम से कार्य सिद्ध होते हैं केवल इच्छा करने से नहीं, पुस्तक में पढ़ी बात जीवन में अपनानी चाहिए, मधुर वचन सबको खुश कर देते हैं, इत्यादि अच्छी बातें इन सूक्तियों में निहित हैं।।इस पाठ में उत्तम सूक्तियों का संग्रह है। इसका सार यह है कार्य परिश्रम से ही सफल होते हैं सोते हुए शेर के मुँह में हिरन नहीं जाते। क्या सूर्य के न रहने पर दीपक जलाया नहीं जाता है? पुस्तक में पढ़ा गया पाठ जीवन में साध लेना चाहिए। जो पाठ सार्थक न हो, उस पाठ का क्या लाभ? प्रिय वाक्य को सुनकर सभी मनुष्य प्रसन्न हो जाते हैं। अतः मधुर बोलना चाहिए। चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन पार कर जाती है। एक स्थान पर बैठा हुआ गरुड़ भी एक कदम पार नहीं कर सकता।
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