Hindi, asked by adityashenoy45, 6 months ago

Write a paragraph on "बदलते पर्यावरण और नए नए रोग"​

Answers

Answered by Kayitisarah6
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Hey friend here is your answer :

कोविड-19 ने जहां एक ओर दुनिया भर में कई विकट चुनौतियां पैदा की हैं, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत व जीवंत नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। इतिहास गवाह है कि अतीत में जब-जब इस प्रकार की भयानक महामारियां आई हैं, तब-तब पर्यावरण ने सकारात्मक करवट ली है। यकीनन कोरोना संक्रमण काल में प्रकृति का यह रूप मानवीय जीवन के लिए भले ही क्षणिक राहत वाला हो, परंतु जब संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाएगा, तब क्या पर्यावरण की यही स्थिति बरकरार रह पाएगी? जब सभी देशों के लिए विकास की रफ्तार को तेज करना न केवल आवश्यक होगा, बल्कि मजबूरी भी होगी, तब क्या ऐसे कदम उठाए जाएंगे जो प्रकृति को बिना क्षति पहुंचाए सतत विकास की ओर अग्रसर हो सकेंगे।

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Plaese ,please

Answered by vijaylaxmiverma1983
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11.1 स्वास्थ्य और उस पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभाव

किसी व्यक्ति के ऊपर बड़ी संख्या में पड़ने वाले प्रभावों की क्रिया-प्रतिक्रिया का परिणाम स्वास्थ्य पर होता है। ये प्रभाव आनुवांशिक प्रभाव, व्यवहारिक प्रभाव और पर्यावरणीय प्रभाव होते हैं।

आनुवांशिक प्रभावः किसी भी जीव की शारीरिक और शरीर-तंत्र की विशिष्टताओं को निर्धारित करते हैं। पैतृक असमान्यताएँ ही आनुवांशिक रोग के रूप में माता-पिता से बच्चों में स्थानान्तरित हो जाती हैं। एलर्जी, ब्लडप्रेशर, मधुमेह (डायबिटीज) आदि पूर्ण रूप से जीन सम्बन्धी नहीं हैं। फिर भी इन जीनाें की वातावरण से अन्योन्य क्रिया के फलस्वरूप ये बीमारियाँ होती हैं। पोषण, तनाव, संवेगों, हार्मोन, औषध (डंग) और अन्य पर्यावरणीय व्यवहार के कारण ये आगे प्रवर्तित हो जाती हैं।

व्यावहारिक प्रभावः मद्यव्यसनिता, धूम्रपान, दवाइयाँ (औषध) का उपयोग, तम्बाकू की लत और भोजन की अनियमित आदतों के कारण अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

पर्यावरणीय प्रभावः पर्यावरण के अनेक घटक हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव छोड़ते हैं। इनको भौतिक, रासायनिक, जैविक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

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