Hindi, asked by ambikapriyadarshini4, 1 month ago

write a paragraph on लोभ पाप का मूल है​

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Answered by NishiDubey48
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Answer:

लोभ पाप को मूल है, लोभ मिटावत मान। इस वाक्य से कवि यह कहना चाहता है कि लोभ पाप का मूल है अर्थात लोभ ही पाप का मुख्य कारण है। इसी से व्यक्ति के मन में बुरे कार्य करने की चेष्टा उत्पन होती है और वह न करने योग्य कार्य भी करता है। लोभ मिटावत मान अर्थात लोभ में आके मनुष्य बुरे कार्य में लिप्त हो करअपना मान तक भी खो देता है।

Explanation:

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