Hindi, asked by mayank6790, 1 year ago

write a paragraph on loktantra Ki Jeet in Hindi​

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Answered by sakshisehrawat
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भारत के लिये लोकतंत्र का अपनाया जाना भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन व जनता की आकांक्षाओं का स्वाभाविक परिणाम था । भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्यांश ‘हम भारत के लोग’ यह संकेत देता है कि भारत में शासन की अन्तिम शक्ति जनता में निहित है तथा भारत का संविधान भारतीयों द्वारा अपने लिये बनाया गया है ।

संविधान में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को स्थान दिया गया है । लोकतंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें शासक वर्ग न केवल जनता द्वारा निर्वाचित होता है, वरन् अपने कार्यों के लिये जनता के प्रति उत्तरदायी होता है । उत्तरदायी होने का तात्पर्य यह है कि जनता यदि शासन के कार्यों से संतुष्ट नहीं है तो वह उन्हें बदल सकती है ।

इसके लिये नियमित अन्तराल पर चुनावों की व्यवस्था की गयी है तथा सभी नागरिकों को बिना किसी भेद-भाव के चुनावों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया गया है । राष्ट्रीय आन्दोलन के समय से ही कांग्रेस तथा भारतीय जनता की आस्था लोकतंत्र में मजबूत हो गयी थी क्योंकि भारत के लोगों ने ब्रिटिश तानाशाही के अत्याचारों को देखा था तथा उसका विरोध किया था ।

1929 में कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में जहाँ पूर्ण स्वराज की माँग की वहीं 1931 के कराची अधिवेशन में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का प्रस्ताव पारित किया गया । इन अधिकारों में भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा, समानता का अधिकार, सार्वभौमिक मताधिकार, धार्मिक स्वतन्त्रता तथा धर्मनिरपेक्षता आदि के अधिकारों को शामिल किया गया था ।

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