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RESULTUPCOMING
मैच 40, 08-MAY-2018
राजस्थान158/8(20.0 Over)
VS
पंजाब143/7(20.0 Over)
राजस्थान रॉयल्स ने किंग्स XI पंजाब को 15 रनो से हराया
SCORECARD
मैच 39, 07-MAY-2018
हैदराबाद146/10(20.0 Over)
VS
बेंगलूरु141/6(20.0 Over)
सनराइजर्स हैदराबाद ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 5 रनो से हराया
SCORECARD
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समाज का नैतिक पतनPublish Date:Sat, 03 Mar 2012 12:16 AM (IST)...
एक तरफ जहां समाज विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर कुछ असामाजिक तत्वों और मानसिक रूप से कुंठित लोगों के कारण इसका तेजी से नैतिक पतन भी हो रहा है। एक तरफ जहां इस देश के राष्ट्रपति पद पर एक महिला सुशोभित हैं, वहीं पंजाब में महिलाओं की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। आए दिन महिलाओं का किसी न किसी रूप में उत्पीड़न किया जा रहा है। गत दिवस भी जहां अबोहर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को एचआईवी वायरस से संक्रमित इंजेक्शन लगाकर उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी, वहीं लुधियाना के बस स्टैंड पर एक ड्राइवर व कंडक्टर ने एक महिला की अस्मत लूट ली। यही नहीं अभी विगत दिवस ही करतारपुर में एक नाबालिग युवती से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था, जिसे लेकर इस क्षेत्र में अभी तक तनाव बरकरार है। पंजाब में गत कुछ दिनों में इस प्रकार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इसके अलावा दहेज आदि के नाम पर भी आए दिन महिलाओं का उत्पीड़न होता रहता है। समाज में किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना के लिए निश्चित रूप से पुलिस की निष्क्रियता तो जिम्मेदार है ही, लेकिन समाज भी इसके लिए कम दोषी नहीं है। आखिर क्या कारण है कि जो समाज महिलाओं को समान दर्जा देने की बात करता है, उसी समाज में महिलाओं की ऐसी दुर्दशा हो रही है? यह भी सर्वविदित है कि पंजाब कुड़ीमार प्रदेश के रूप में कुख्यात हो गया था, अब कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं कम जरूर हो गई हैं, परंतु इसमें संदेह है कि यह पूरी तरह रुक गईं हों। क्या इन सबके लिए यह समाज दोषी नहीं है? पुलिस और प्रशासन किस कदर निष्क्रिय है यह तो सर्वविदित है और इसका उदाहरण अपराधों में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ोतरी से सहज ही मिल जाता है। यदि महिलाओं को समाज में उचित सम्मान दिलाना है और उनका उत्पीड़न रोकना है तो सर्वप्रथम समाज को अपना रवैया बदलना होगा और पुलिस प्रशासन को भी चुस्त होना होगा। यही नहीं दुराचारियों और महिला उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ किसी भी प्रकार से रहम नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई भी किसी महिला पर अत्याचार करने की हिम्मत न दिखाए।
hope it helps u...
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समाज का नैतिक पतनPublish Date:Sat, 03 Mar 2012 12:16 AM (IST)...
एक तरफ जहां समाज विकास के पथ पर लगातार अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर कुछ असामाजिक तत्वों और मानसिक रूप से कुंठित लोगों के कारण इसका तेजी से नैतिक पतन भी हो रहा है। एक तरफ जहां इस देश के राष्ट्रपति पद पर एक महिला सुशोभित हैं, वहीं पंजाब में महिलाओं की हालत लगातार बदतर होती जा रही है। आए दिन महिलाओं का किसी न किसी रूप में उत्पीड़न किया जा रहा है। गत दिवस भी जहां अबोहर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को एचआईवी वायरस से संक्रमित इंजेक्शन लगाकर उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी, वहीं लुधियाना के बस स्टैंड पर एक ड्राइवर व कंडक्टर ने एक महिला की अस्मत लूट ली। यही नहीं अभी विगत दिवस ही करतारपुर में एक नाबालिग युवती से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था, जिसे लेकर इस क्षेत्र में अभी तक तनाव बरकरार है। पंजाब में गत कुछ दिनों में इस प्रकार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इसके अलावा दहेज आदि के नाम पर भी आए दिन महिलाओं का उत्पीड़न होता रहता है। समाज में किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना के लिए निश्चित रूप से पुलिस की निष्क्रियता तो जिम्मेदार है ही, लेकिन समाज भी इसके लिए कम दोषी नहीं है। आखिर क्या कारण है कि जो समाज महिलाओं को समान दर्जा देने की बात करता है, उसी समाज में महिलाओं की ऐसी दुर्दशा हो रही है? यह भी सर्वविदित है कि पंजाब कुड़ीमार प्रदेश के रूप में कुख्यात हो गया था, अब कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं कम जरूर हो गई हैं, परंतु इसमें संदेह है कि यह पूरी तरह रुक गईं हों। क्या इन सबके लिए यह समाज दोषी नहीं है? पुलिस और प्रशासन किस कदर निष्क्रिय है यह तो सर्वविदित है और इसका उदाहरण अपराधों में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ोतरी से सहज ही मिल जाता है। यदि महिलाओं को समाज में उचित सम्मान दिलाना है और उनका उत्पीड़न रोकना है तो सर्वप्रथम समाज को अपना रवैया बदलना होगा और पुलिस प्रशासन को भी चुस्त होना होगा। यही नहीं दुराचारियों और महिला उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ किसी भी प्रकार से रहम नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई भी किसी महिला पर अत्याचार करने की हिम्मत न दिखाए।
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मनुष्य पूरी दुनिया में सबसे अधिक सामाजिक और बुद्धिमान प्रजातियां हैं। हमारी अपनी भावनाएं और नैतिक मूल्य हैं जो हमारे स्वस्थ सामाजिक जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं।
नैतिक मूल्यों से मानवता का विकास होता है। इन नैतिक मूल्यों के कारण हमारे समाज की सामाजिक अखंडता गंभीर रूप से प्रभावित होगी।
इसलिए नैतिक मूल्य हर राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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