English, asked by ravipc3583, 1 year ago

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Answered by DivineFury
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Modi. He was born on 17 September 1950 in Vadnagar, Mehsana district, Bombay State (present day Gujarat). His father's name was Damodardas Mool Chand Modi and mother's name was Hiraben.

In 1987, Narendra Modi entered into the main political stream by joining the Bharatiya Janata Party (BJP). Within a year he was appointed as General Secretary of the party's Gujarat unit. He truly pioneered the challenging task of enabling the party workers, because of which the party started gaining political mileage. In October 2001, Narendra Modi was appointed as Chief Minister of Gujarat. In the 2007 elections the BJP led by Modi once again got a massive majority. In the 2012 elections, the BJP led by Modi once again gained a large majority. Modi sworn in as fourth consecutive Gujarat Chief Minister.

Due to his fame and style, Modi was declared as candidate for Prime Minister by Bhartiya Janata Party in 2014 general elections. After being declared candidate for Prime Minister, he visited the whole India. Under his leadership, the BJP gained phenomenal success in the 2014 elections. On May 26, 2014, Narendra Modi was sworn in as India's 15th prime minister.

Image of Narendra Modi is considered of a stern administrator and protective strict discipline. He has keen interest in science and technology. He is realistic as well as idealistic. He is full of optimism. He is best known for rising from humble beginnings to become prime minister of India. He will be always remembered as a successful politician and poet. 
Answered by Anonymous
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नरेन्द्र मोदी

'नरेन्द्र मोदी' का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले में स्थित एक छोटे से गांव वडनगर में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचन्द मोदी एवं माता का नाम हीराबेन मोदी था। उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। 13 वर्ष की आयु में उनकी सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी और जब उनका विवाह हुआ, वह मात्र 17 वर्ष के थे।

भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास पर ध्यान केन्द्रित करने वाले संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन (आरएसएस) से नरेन्द्र मोदी ने 1958 में शुरुआत की और निःस्वार्थता, सामाजिक जवाबदारी, समर्पण एवं राष्ट्रवाद की भावना को आत्मसात किया। उन्होंने 1967 में गुजरात के बाढ़ पीड़ितों की सेवा की थी। अपने संघ कार्य के दौरान नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं।

1987 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर नरेन्द्र मोदी ने राजनीति की मुख्य धारा में प्रवेश किया। एक वर्ष के भीतर ही उन्हें पार्टी की गुजरात इकाई का महामंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने सच्चे अर्थों में पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के चुनौतीपूर्ण कार्य का बीड़ा उठाया, जिसकी वजह से पार्टी को राजनीतिक लाभ मिलना शुरू हो गया और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई।

अक्टूबर, 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी नियुक्त हुए। उस समय गुजरात जनवरी, 2001 में आए विनाशक भूकंप सहित अन्य कई प्राकृतिक आपदाओं के विपरीत प्रभावों से गुजर रहा था। उन्होंने सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त तरीके से सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए पांच सूत्रीय रणनीति- पंचामृत योजना की परिकल्पना की।

अपनी प्रशासनिक सूझबूझ, स्पष्ट दूरदर्शिता और चारित्र्य की अखंडता सहित नरेन्द्र मोदी की इन सभी कुशलताओं की वजह से दिसम्बर 2002 के आम चुनावों में उन्होंने भव्य विजय हासिल की। 2007 के चुनावों में भी फिर से एक बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा को भारी बहुमत मिला। 2012 के विधानसभा चुनाव में फिर से एक बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने भारी बहुमत प्राप्त किया। मोदी ने लगातार चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

उनकी प्रसिद्धि एवं कार्यशैली को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में मोदी जी को प्रधानमन्त्री प्रत्याशी घोषित किया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद, नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की। नरेन्द्र मोदी ने 26 मई, 2014 को भारत के 15वें प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ ली।

नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी गहरी दिलचस्पी है। वे यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। एक सफल राजनेता और कवि के रूप में उन्हें सदैव याद रखा जायेगा।

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