Hindi, asked by archanamahesh2pdvkko, 1 year ago

write a paragraph on pusthakon ka mahathv in hindi(writing in hindi)

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Answered by Raji99
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प्राचीनकाल से ही मनुष्य ज्ञान का भूखा रहा है। अधिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए जीवनभर प्रयत्नशील रहना ही उसने सीखा है। उसने जो ज्ञान प्राप्त किया उसे लिपिबद्ध किया। उसकी ज्ञान पिपासा ने आने वाली पीढ़ियों को ज्ञान का अतुलनीय भंडार दिया। यह अतुलनीय भंडार पुस्तक के रूप में सहेजकर रखा गया। इसी भंडार ने आने वाली पीढ़ियों की ज्ञान पिपासा बुझाने का बीड़ा उठाया है।

पुस्तकें हमारे जीवन का मुख्य आधार हैं। इनके बिना हम विकास और उन्नत्ति प्राप्त नहीं कर सकते हैं। पुस्तकों में लिखित ज्ञान हमारे मस्तिष्क को हर क्षेत्र से संबंधित जानकारियाँ देता है। मनुष्य कुछ अपने अनुभवों के आधार पर सीखता है और अधिकतर पुस्तकों सेपढ़कर जानता है। पुस्तकें उसकी विचारधारा को विकसित करती हैं। अपनी रूचि के अनुरूप वह अपना विषय क्षेत्र चुनता है। परन्तु यह विषय क्षेत्र उसकी जीविका का साधन है। वह सारी उम्र अन्य विषयों पर लिखित पुस्तकें पढ़कर अपने ज्ञान का विस्तार करता है।

यदि पुस्तकें न हो, तो वह जानवरों की भांति रहता। उसका लक्ष्य भोजन खोजना और सोना होता। परन्तु पुस्तकों ने उसे जानवरों से अलग कर सभ्य बनाया। पुस्तकों का अध्ययन करके उसने उन्नति और विकास के अवसरों को पाया। यही कारण है कि मनुष्य में पुस्तकों का महत्व सदैव से बना हुआ है और आने वाले समय तक विद्यमान रहेगा। यह ऐसी मित्र हैं, जो बिना स्वार्थ के हमारी सहायता ही करती है।
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