write a paragraph on( swastha Raksha ) ?
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यह तीन स्वास्थ्य रक्षा का आधार है। यदि शरीर स्वस्थ नहीं हो, तो मन स्वस्थ नहीं रह सकता । मन स्वस्थ नहीं, तो विचार स्वस्थ नहीं रह सकते। ... इसलिए मनुष्य को व्यायाम, संतुलित एवं नियमित भोजन, शुद्ध जलवायु का सेवन, संयम-नियमपूर्ण जीवन तथा ब्रह्मचर्य पालन करना चाहिए जिससे उनके स्वास्थ्य हमेशा निरोग रहे।
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स्वास्थ्य मनुष्य के जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। यह धन के समान है, जो हमेशा हमारे काम आता है। एक स्वस्थ मनुष्य जीवन के हर आनंद का अनुभव लेता है और पूरी स्फूर्ति से अपने दैनिक कार्य करता है। यदि हमारा स्वास्थ्य सही नहीं है, तो जीवन निराशा से भर जाता है। किसी काम में मन नहीं लगता है। जीवन से सारा आनंद गायब हो जाता है। तभी तो कहा गया है कि अच्छा स्वास्थ्य महावरदान। हर मनुष्य प्रयास करता है कि वह स्वस्थ रहे। इसके लिए आवश्यक है कि वह निरोग रहे। निरोग रहने के लिए उसे संतुलित भोजन तथा रोज़ व्यायाम करना आवश्यक है। संतुलित भोजन शरीर को ऊर्जा तथा रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है तथा व्यायाम शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति हर कार्य करने में समर्थ होता है। मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से खेलों में भाग लेता रहे। ऐसा करने से शरीर में रक्त-संचार सही रहता है, स्फूर्ति तथा उत्साह भी बढ़ता है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम खेलों के महत्व को नजर अंदाज़ कर देते हैं, इससे हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हम आलसी होते जाते हैं। हमारा शरीर बैडोल हो जाता है। हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्न रक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ आ घेरती हैं। यदि हम नियमित रूप से खेलते रहते हैं, तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। हम चुस्त-दुरूस्त बने रहते हैं। संतुलित भोजन शरीर की अन्य माँगों को पूरा करता है और मनुष्य को रोगों से लड़ने के लिए आवश्यक खनिज, प्रोटीन तथा वसा उपलब्ध करवाता है। हमें जीवन का भरपूर आनंद लेने के लिए स्वास्थ्य को महत्व देना पड़ेगा।