Hindi, asked by ramya8, 1 year ago

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Answered by JAYNEPAL
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duniya me bahot kisim ke Saman hote hain kuch bahot saste aur kuch mehenge hote hai lekin sab saman ek jese dikhte hai par unka alag alag daan hote hai kyon ki is sansar me bahot admi rehte hain lekin kuch garib aur kuch dhani hote hain isiliye garib log apna ghar chalane ke liye daan badha dete hai aur jab unka Vyapar baniha se chalne lagte he tabhi se o log thora thora karke bhai bhadhate jaate he aur yese karte Karte mahangai badhti jaati hai.


thank you for asking this question because I was feeling bore one thing I hope this paragraph may be helpful for you.
Answered by Anonymous
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Answer:

महंगाई का ऐसा असर होता है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान कम होता जाता है. यदि खरीददार की क्रय शक्ति घट जाय तो महंगाई बढ़ जाती है. इसके बढ़ने से रुपयों का अवमूल्यन हो जाता है. यह एक विश्वव्यापी समस्या है लेकिन भारत में तो यह एक गंभीर समस्या है.

देखा जाय तो समाज का हर वर्ग आज मूल्य वृद्धि या मंहगाई की समस्या से त्रस्त है. लेकिन निम्न और मध्यम वर्ग के लोग इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं. महंगाई बढ़ने से लोग अपनी आवश्यकता में कटौती करने लगते हैं. जहाँ लोग चार किलो दूध रोज खरीदते हैं उसे कम करके दो किलो कर देते हैं. पेट्रोल की कीमत बढ़ने से लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं या फिर पैदल चलना शुरू कर देते हैं.

खेतिहर किसान अपने खाद बीज और अन्य खेती के सामनों में कटौती करते हैं जिससे उनकी पैदावार प्रभावित होने लगता है. यदि कोई पर्व त्यौहार आ  जाए तो उसके बजट में भी कटौती करनी पड़ जाती है. इसका असर होली, दिवाली पर भी दीखने लगता है. हास्यास्पद तो तन लगता है जब भिखारी भी एक रुपया का भीख लेने से इनकार कर देता है. इसका असर व्यापक होता है. यह खान पान से लेकर रहन -सहन तक यानी जीवन के सभी आयामों को प्रभावित कर देता है.

बढती हुई महँगाई समाज के लिए भी हानिकारक है, इससे गरीब आदमी जिसकी थाली से भोजन सिमटते-सिमटते बस खत्म ही हो गया है. जिसके शरीर पर महँगाई के कारण पूरे कपड़े नहीं रह गए, वह  अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए गलत राह पकड़ सकता है. महँगाई रोकने के लिए सरकार को सस्ते दामों पर चीजें उपलब्ध करना, कालाबाजारी व जमाखोरी रोकना, जनसंख्या नियंत्रण आदि प्रभावी उपाय करने चाहिए. इसके लिये सरकार को कड़े कानून बनाकर उसे सख्ती से लागू करना होगा. किसी भी तरह के आपात परिस्थितियों के लिये Buffer Stock बनाकर रखना चाहिए ताकि इससे समय रहते निपटा जा सके.

महंगाई से निपटने के लिए जनता का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. जनता को सरकार की मदद करनी चाहिए. जनता का कर्तव्य होता है कि अपने उपयोग से अधिक वस्तु का संचय न करे. अधिक महंगे सामन के उपयोग से परहेज करे. मंहगाई से होनेवाली समस्या के बारे सोचें और उससे निपटने के विकल्प पर विचार करना चाहिए. सिर्फ सरकार पर दोष लगाने से महंगाई नहीं घट जायेगी, आम जन को सरकार की मदद करनी चाहिए.

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