Write a poem of moon in hindi
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रात का जब है घनघोर साया
तब आकाश में चाँद जगमगाया
टिमटिमाते तारों के आँगन में
गोल चकोर मन को भाया
चाँद की शीतल चांदनी ने
दबी आकाँक्षाओं को जगाया
चाँद कहता है सबसे रोज़
इंसान तू हार से क्यों घबराया
देख मुझे मेरे दाग देख
मुझपर बहुतों ने आरोप लगाया
मैं निडर सफ़ेद चादर ओढ़
आज फिर दोबारा यहीं आया
तब आकाश में चाँद जगमगाया
टिमटिमाते तारों के आँगन में
गोल चकोर मन को भाया
चाँद की शीतल चांदनी ने
दबी आकाँक्षाओं को जगाया
चाँद कहता है सबसे रोज़
इंसान तू हार से क्यों घबराया
देख मुझे मेरे दाग देख
मुझपर बहुतों ने आरोप लगाया
मैं निडर सफ़ेद चादर ओढ़
आज फिर दोबारा यहीं आया
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छोड़ो अब वो बात पुरानी,
सूत कातती बुढ़िया की कहानी.
आओ सच्ची बात बतायें,
चाँद है कैसा, तुम्हे बतायें.
पर्वत ऊँचे, गड्ढे गहरे,
भांति-भांति के पत्थर बहुतेरे.
ऑक्सीजन का नाम नहीं है,
भार का कोई काम नहीं है.
चाँदनी जो हमें पहुँचाता,
रोशनी वो सूरज से पाता.
ऐसा वक़्त वो आयेगा,
सपने सच कर जायेगा.
चाँद पर एक बस्ती बसायेंगे,
मामा के घर तब जायेंगे.
hope this helps you
सूत कातती बुढ़िया की कहानी.
आओ सच्ची बात बतायें,
चाँद है कैसा, तुम्हे बतायें.
पर्वत ऊँचे, गड्ढे गहरे,
भांति-भांति के पत्थर बहुतेरे.
ऑक्सीजन का नाम नहीं है,
भार का कोई काम नहीं है.
चाँदनी जो हमें पहुँचाता,
रोशनी वो सूरज से पाता.
ऐसा वक़्त वो आयेगा,
सपने सच कर जायेगा.
चाँद पर एक बस्ती बसायेंगे,
मामा के घर तब जायेंगे.
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