Hindi, asked by rajunmannyb, 1 year ago

Write a poem on earthquake in Hindi.

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Answered by choubey
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धरती ने करवट क्या बदली,
यह आसमान भी सहम गया!

ये ऊंची-ऊंची इमारतें
नभ से ही बातें करती थीं,
झुग्गी-झोपड़ियाँ देख-देख
कनखियाँ मारकर हँसती थीं,
पर आज धरा हो उठी विकल,
माटी में मिल सब अहम गया.

अधरों पर ‘माता-माता’ पर,
कब धरती को माता माना?
इतना दोहन! इतना दोहन!!
कब माँ की पीड़ा को जाना?
था वक़्त तुम्हारी मुट्ठी में,
क्यों आख़िर हो बेरहम गया?

निर्मिति में सदियाँ लगती हैं,
विध्वंस एक पल में होता;
जिसको बस, हँसना ही आता,
वह भी तो एक दिवस रोता;
मैंने धरती से प्यार किया,
मिट मेरा सारा वहम गया.
Answered by Anonymous
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Answer:

जब जब ये धरती कुछ डोले

भूकंप के आने लगें हिचकोले

फ़ौरन भागो अंदर से बाहर भोले

सोशल मीडिया वॉट्सएप कुछ भी बोले

भूचाल एक ऐसी है घटना

जिसपर ज़ोर नहीं है अपना

कब आएगा कितनी अवधि

कभी कुछ पता ही नहीं

इसीलिए तुम करो विचार

क्या सुरक्षित है तुम्हारा घर बार

घर ऑफिस की जांच कराओ

भूकंप की सहनशीलता नपवाओ

अगर बनना है सुरक्षित श्रीमान

तो रहना होगा सदा सावधान

I hope it is helpful...................

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