Write a poem on mother.
And also tell how is this poem for mother on this Mother's Day.
पहली धड़कन भी मेरी धडकी थी तेरे भीतर ही,
जमी को तेरी छोड़ कर बता फिर मैं जाऊं कहां.
आंखें खुली जब पहली दफा तेरा चेहरा ही दिखा,
जिंदगी का हर लम्हा जीना तुझसे ही सीखा.
खामोशी मेरी जुबान को सुर भी तूने ही दिया,
स्वेत पड़ी मेरी अभिलाषाओं को रंगों से तुमने भर दिया.
अपना निवाला छोड़कर मेरी खातिर तुमने भंडार भरे,
मैं भले नाकामयाब रही फिर भी मेरे होने का तुमने अहंकार भरा.
वह रात छिपकर जब तू अकेले में रोया करती थी,
दर्द होता था मुझे भी, सिसकियां मैंने भी सुनी थी.
ना समझ थी मैं इतनी खुद का भी मुझे इतना ध्यान नहीं था,
तू ही बस वो एक थी, जिसको मेरी भूख प्यार का पता था.
पहले जब मैं बेतहाशा धूल मैं खेला करती थी,
तेरी चूड़ियों तेरे पायल की आवाज से डर लगता था.
लगता था तू आएगी बहुत डाटेंगी और कान पकड़कर मुझे ले जाएगी,
माँ आज भी मुझे किसी दिन धूल धूल सा लगता है.
चूड़ियों के बीच तेरी गुस्से भरी आवाज सुनने का मन करता है,
मन करता है तू आ जाए बहुत डांटे और कान पकड़कर मुझे ले जाए.
जाना चाहती हूं उस बचपन में फिर से जहां तेरी गोद में सोया करती थी,
जब काम में हो कोई मेरे मन का तुम बात-बात पर रोया करती थी.
जब तेरे बिना लोरियों कहानियों यह पलके सोया नहीं करती थी,
माथे पर बिना तेरे स्पर्श के ये आंखें जगा नहीं करती थी.
अब और नहीं घिसने देना चाहती तेरे ही मुलायम हाथों को,
चाहती हूं पूरा करना तेरे सपनों में देखी हर बातों को.
खुश होगी माँ एक दिन तू भी,
जब लोग मुझे तेरी बेटी कहेंगे.
Answers
Answer:
मातृ दिवस के अवसर पर, हमने ‘माँ’ पर एक दिल को छूने वाली कविता बनाई हैं, जो सभी माँ को समर्पित हैं। माँ हमेशा अपने बच्चे और मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद हैं। माँ हमारी ज़िंदगी को इतना आसान बनाती हैं, माँ अपने बच्चो से सबसे ज्यादा प्यार भी करती हैं, माँ हमेशा कड़ी मेहनत करती रही हैं और मल्टीटास्किंग काम करती भी हैं। मातृ दिवस के इस विशेष अवसर पर, मेरी माँ के लिए, आपकी मां के लिए और हर किसी के लिए यहां कुछ खास है। असल में, हमने हिंदी में ‘माँ’ पर बहुत खूबसूरत कविताएं बनाई हैं। हमे आशा है कि आप सभी इसे पसंद करेंगे
one of my fav -:
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरो पर खड़ा हुआ|
तेरी ममता की छाओ में,
जाने कब बड़ा हुआ|
काला टिका दूध मलाई|
आज भी सब कुछ वैसा है|
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा है?
सीधा-साधा, भोला-भला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ|
कितना भी हो जाऊ बड़ा,
माँ ! मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ|❤