Hindi, asked by Krishnaagarwal1122, 11 months ago

write a poem on pulwama attack ​

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Answered by MoonGurl01
12

Hey!! ☺

Here is your answer

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आज लहू केसर बन जाए,

दुश्मन को ललकार कर।

आज उठा बंदूक है भारत,

वीरों की जयकार कर।

नमकहरामों की बस्ती में,

सांप-सपोले रहते हैं।

केसर की सुंदर क्यारी में,

बम के गोले बोते हैं।

राजनीति के गलियारों में,

गद्दारों की फौज खड़ी।

जब भी आतंकी को मारो,

इनको होती पीर बड़ी।

जिन हाथों में पुस्तक होती,

उनमें पत्थर आज थमाए हैं।

फूलों की क्यारी में किसने,

बम-बारूद लगाए हैं।

संविधान की सीमाओं को,

किसने आज चुनौती दी?

भारत के टुकड़े करने की,

किसने आज मनौती की?

आतंकों के मंसूबों को,

किसने आज फ़िज़ा दे दी।

गुलशन के गलियारों को,

किसने आज खिज़ा दे दी।

पैंसठ और इकहत्तर में,

जिसने मुंह की खाई थी।

हाथ उठाकर दोनों जिसने,

मुंह कालिख पुतवाई थी।

कश्मीरी कांधे पर रख,

वह बंदूक चलाता है।

उन्मादी जेहाद चलाकर,

युवकों को फुसलाता है।

भारत के अंदर भी जो,

गद्दारों की टोली है।

खा करके भारत की रोटी,

पाक की वो हमजोली है।

दिल्ली की गद्दी पर बैठे,

सब ये सत्ताधीश सुनें

या तो पाक को सबक सिखाएं

या फिर वन संन्यास चुनें।

नहीं खून गर अब खौला तो,

खून नहीं वह पानी है।

अगर देश के काम न आए,

वह बदजात जवानी है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,

आज कहां मुंह धोती है।

भारतमाता की हर सिसकी,

जन-जन में अब रोती है।

आग उगलती हैं अब आंखें,

मन में अब प्रतिशोध बहे।

खून का बदला खून से लेना,

भारत ये समवेत कहे।

वीर शहीदों की कुर्बानी,

यूं न खाली जाएगी।

रावल से लाहौर तलक,

अब मौत निराली जाएगी।

गिन-गिनकर हम बदला लेंगे,

भारत में स्वर एक कहे।

आज शपथ है इस भारत को,

अब न ये आतंक सहे।

पूरा भारत देश दे रहा,

नम आंखों से आज विदाई।

वीर शहीदों को प्रणाम,

रोक न सकोगे आज रुलाई।

पुलवामा की धरती में,

जिन वीरों का खून जला।

उनकी मां को नमन करें हम,

जिनको ये बलिदान मिला।

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Thanks!! ✌


Krishnaagarwal1122: thank you ♥
MoonGurl01: welcome :))
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