write a poetry on प्रकृति का प्रकोप( अम्फान तूफान )
Answers
तुम तूफान समझ पाओगे
गीले बादल, पीले रजकण,
सूखे पत्ते, रूखे तृण घन
लेकर चलता करता 'हरहर'--इसका गान समझ पाओगे?
तुम तूफान समझ पाओगे?
गंध-भरा यह मंद पवन था,
लहराता इससे मधुवन था,
सहसा इसका टूट गया जो स्वप्न महान, समझ पाओगे?
तुम तूफान समझ पाओगे?
तोड़-मरोड़ विटप-लतिकाएँ,
नोच-खसोट कुसुम-कलिकाएँ,
जाता है अज्ञात दिशा को! हटो विहंगम, उड़ जाओगे!
तुम तूफान समझ पाओगे?
Explanation:
(vii) दतष्ठ्यि (निचल हाठ व ऊपरा
(कवर्ग)
वर्ल्सय
(स, ज,र,ल)
।
व, फ़
हवा मुख
(viii) स्वर यंत्र से
ह
श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद
(i) अल्पप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, वे अल्पप्राण कहलाते हैं।
क, ग, ङ, च, ज, ञ
ट, ड, ण, त, द,न, प
ब, म तथा ड़, य, र, ल, व
(ii) महाप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, वे महाप्राण कहलाते हैं।
ख, घ, छ, झ, ठ, ढ
थ, ध, फ, भ,ढ़
श, ष, स, ह
ताता
केhn