Hindi, asked by kumkum5780, 9 months ago

write a poetry on प्रकृति का प्रकोप( अम्फान तूफान )​

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Answered by radhas17
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तुम तूफान समझ पाओगे

गीले बादल, पीले रजकण,

सूखे पत्ते, रूखे तृण घन

लेकर चलता करता 'हरहर'--इसका गान समझ पाओगे?

तुम तूफान समझ पाओगे?

गंध-भरा यह मंद पवन था,

लहराता इससे मधुवन था,

सहसा इसका टूट गया जो स्वप्न महान, समझ पाओगे?

तुम तूफान समझ पाओगे?

तोड़-मरोड़ विटप-लतिकाएँ,

नोच-खसोट कुसुम-कलिकाएँ,

जाता है अज्ञात दिशा को! हटो विहंगम, उड़ जाओगे!

तुम तूफान समझ पाओगे?

Answered by BAAZ7466
1

Explanation:

(vii) दतष्ठ्यि (निचल हाठ व ऊपरा

(कवर्ग)

वर्ल्सय

(स, ज,र,ल)

व, फ़

हवा मुख

(viii) स्वर यंत्र से

श्वास (प्राण-वायु) की मात्रा के आधार पर वर्ण-भेद

(i) अल्पप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा कम होती है, वे अल्पप्राण कहलाते हैं।

क, ग, ङ, च, ज, ञ

ट, ड, ण, त, द,न, प

ब, म तथा ड़, य, र, ल, व

(ii) महाप्राण-जिन वर्णों के उच्चारण में वायु की मात्रा अधिक होती है, वे महाप्राण कहलाते हैं।

ख, घ, छ, झ, ठ, ढ

थ, ध, फ, भ,ढ़

श, ष, स, ह

ताता

केhn

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