Hindi, asked by supergameranshu, 1 year ago

write a सन्वाद on the topic - internet ke uses (in hindi)

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Answered by shishir303
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अमर - हाय प्रेम कैसे हो?

प्रेम - मैं ठीक हूँ, तुम कैसे हो?

अमर- मैं भी ठीक हूँ, मैंने देखा है कि तुम अपने कंप्यूटर या मोबाइल बहुत ज्यादा व्यस्त रहने लगे हो, क्या करते रहते हो।

प्रेम- हां रहने लगा हूं आजकल मुझे इंटरनेट पर सर्फिंग करने में बहुत मजा आता है।

अमर- ठीक है, मैं मानता हूँ कि इंटरनेट आजकल के युवाओं के बीज एक क्रेज की तरह है और वो इसके बिना नही रह सकते। पर तुम इंटरनेट पर क्या करते रहते हो?

प्रेम- बस यार, थोड़ा समय सोशलमीडिया पर बिता लेता हूँ और पढ़ाई से संबंधित कोई जानकारी चाहिये होती है तो गूगल पर सर्च कर संबंधित जानकारी जुटा लेता हूँ।

अमर- इंटरनेट आजकल के समय की आवश्यकता बन गया है। बिना इंटरनेट के कोई काम संभव नहीं है पर इसके जितने लाभ हैं वही इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। क्या तुम उनके बारे में सचेत हो? क्या तुम्हे पता है कि इंटरनेट का सदुपयोग कैसे किया जाये?

प्रेम- मैं समझा नही। जरा विस्तार से बताओ।

अमर- तो समझो। इंटरनेट के माध्यम से हमे कोई भी जानकारी पल भर में मिल जाती है। हम घर बैठे-बैठे अपने बहुत से जरूरी काम इंटरनेट के माध्यम से निपटा सकते हैं जैसे कि  शॉपिंग करना, यात्रा का शो का टिकट बुक करना आदि। आजकल हम आनलाइन ट्यूशन ले सकते हैं। अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं। अपने उत्पाद का प्रचार कर सकते हैं। ये सब तो इंटरनेट की अच्छाइयां है। पर कुछ बुराइयां भी हैं।

प्रेम- वो क्या हैं?

अमर- सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना एक सीमित मात्रा तक ठीक है, पर हर समय सोशल मीडिया पर लगे रहना ठीक नही है। आजकल सोशल मीडिया पर झूठी खबरों और नकारात्मक बातों का प्रचलन बहुत ज्यादा हो गया है जो हमारे मन पर गलत प्रभाव डालकर हमें गलत दिशा मे ले जा सकती हैं। हर समय इंटरनेट पर व्यस्त रहने से हम अपनी फिटिकल एक्टिविटी को कम कर देते हैं जिसके कारण हमारी शरीर अस्वस्थ हो सकता है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर के लिये शरीर से भौतिक परिश्रम आवश्यक है। इंटरनेट एक नशे की तरह बन जाता है और हम अपने आप में सिमट जाते हैं। अपने परिवार और समाज से कटने लगते हैं।

प्रेम- हाँ यार बात तो तुम ठीक कह रहे हो। मैं भी जब से इंटरनेट पर समय बिताने लगा हूँ मैं अपने-आप में सिमट गया हूँ। अपने परिवार वालों और मित्रों से मिलना कम कर दिया है। इस बात पर मेरा ध्यान तुम्हारी ये बाते सुनकर आया।

अमर- हाँ, दोस्त, मैंने तुम्हारे व्यवहार में परिवर्तन महसूस किया था इसीलिये तो तुम्हे समझाने आया था। मैं ये नही कहता कि तुम इंटरनेट का उपयोग बंद कर दो बल्कि उसका सदुपयोग करो। फालतू की बेवसाइट पर विजिट कर या सोशल मीडिया पर अनावश्यक समय न बिताओ और सामान्य जीवन के अन्य कार्यों को भी महत्व दो।

प्रेम- तुम्हारे सुझाव के लिये धन्यवाद। मै ध्यान रखूंगा।

अमर- ये हुई न बात।

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