Write a self composed poem on Coronavirus. No copy, No spam.
Answers
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Corona ,Corona
It is the cause of our worldwide pause
As you sit and think how our lives changed in a blink
People started spending more and more time with family,
They have time for their hobbies
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Corona ,Corona
It told us many of the things in our life is just illusions,illusions of comfort
we are far more creative than we ever thinked
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Corona,corona
As we lose some stability
Do we gain some humanity
If we feel we're in total control
We would surely think of some of the better circumstances that it would end up
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Corona,corona
After this I'm sure we'll get better to our choices
We'll start thinking of our family firsts
This is the test to check our responsibility
@Harshita0531
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Self Composed Poem -
विश्व आ पहुंचा है वहां,
करने को कुछ नहीं जहां।
घर में कैद से ही मुक्ति है,
बस यही बचने की युक्ति है।
वर्षों का भरम टूटा है,
सारा विकास ही झूठा है।
महाशक्तियां जीतीं युद्ध अनेक,
पर आज बैठी है घुटने टेक।
हमारा एक मरा तो हजार मारेंगे,
ये कहने वाले यूँ हारेंगे ??
अति सूक्ष्म शत्रु से आज समर,
लड़ता जन जन रह अपने घर।
विष बीज हमने ही हैं बोए,
तो कहां जाकर रोना रोएं??
फल आए हैं जो कटु तिकत्त,
सूनी सड़कें ,हैं हृदय रिक्त।
हर दृश्यमान को चबा खाया,
तब काल अदृश्य रूप धर आया।
हमने जगती को दी पीड़ा,
तो हमें छोड़ सब करते क्रीड़ा।
धर्मस्थल भी जब बने हाट,
देवों ने बन्द किए कपाट ।
आगे भी रहा जो यह व्यवहार,
हर जीत में छुपी होगी हार।
क्यों आशंका कैसा डर है??
यह आत्मचिंतन का अवसर है।
समय रहते जाओ सुधर,
अमन चैन लाओ भू पर।।
- Vikram Charan (@Vikram991)