Hindi, asked by KHUSHI12345678910, 1 year ago

Write a (short) composition on" Diwali aur hum" in Hindi......
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Answered by Anonymous
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दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा त्योहार है जिसका धार्मिक ही नहीं सामाजिक महत्त्व भी अत्यधिक है | वैसे तो यह हिंदुओं का पर्व है, किन्तु इसे अब प्रायः भारत में हर धर्म के लोग मनाते हैं | दिपावली का शाब्दिक अर्थ होता है- दीपों की पंक्ति | इस त्योहार में लोग दीपों को पंक्तिबद्ध रूप में अपने घर के अंदर एंव बाहर सजाते हैं | इस तरह यह प्रकाश का त्योहार है | यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है | इस दिन लोग लक्ष्मी जी, जिन्हें पौराणिक हिन्दू ग्रंथों के अनुसार धन, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की देवी माना जाता है, की पूजा करते हैं |

आजकल दीपावली में दीपों के स्थान पर मोमबत्तियों का प्रयोग बहुतायत से किया जाता है | साथ ही शहरों में बिजली के बल्बों का प्रयोग कर रोशनी के मनोहारी दृश्य उत्पन्न किए जाते हैं | पूरा शहर प्रकाशमान हो उठता है | शहर में दीपावली की चकाचौंध भले ही अधिक दिखती हो, किन्तु गांवों की दीपावली की बात ही निराली है | गांवों में मोमबत्तियों एंव बिजली के बल्बों की जगह अभी भी परंपरागत दीपों का प्रयोग किया जाता है | इस दिन लोग एक-दूसरे को मिठाईयां एंव उपहार देते हैं | घर-घर सुंदर रंगोली बनाई जाती हैं | बच्चों के लिए यह त्योहार विशेष महत्त्व रखता है | बच्चे इस दिन पटाखों एंव फुलझड़ियों में मग्न रहते हैं |

लक्ष्मी पूजा के पूर्व का दिन नर्क चतुर्थी कहलाता है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर पर विजय प्राप्त की थी | नर्क चतुर्दशी के पूर्व का दिन धन त्रयोदशी या धनतेरस कहलाता है | सोना-चांदी एंव बर्तन खरीदने के लिए धनतेरस को अति शुभ दिन माना जाता है | लक्ष्मी-पूजा के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है | इस दिन भगवान कृष्ण ने देवराज इन्द्र को पराजित किया था |

दीपावली मनाने के पीछे कई कारण हैं | पौराणिक कथा के अनुसार 14 बरस का बनवास काटकर भगवान राम इसी दिन अयोध्या लौटे थे | उनके आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने अपने घर एंव पूरे नगर को दीपों से जगमग कर दिया था | तब से लेकर हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हिन्दू धर्मावलंबी दीपावली का त्योहार मनाते हैं |

लक्ष्मी-पूजन एंव धनतेरस मनाने के पीछे का पौराणिक कारण इस प्रकार है- कहा जाता है कि समुद्र-मंथन के पश्चात् लक्ष्मी की उत्पत्ति इसी दिन हुई थी | इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है | समुंद्र-मंथन से ही धनवन्तरि, जिन्हें औषध विज्ञान का प्रणेता माना जाता है, की उत्पत्ति कार्तिक मास की त्रयोदशी को हुई थी | इसलिए इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है |

दीपावली के सामाजिक महत्त्व पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि कार्तिक मास की अमावस्या के पहले ही किसान अपनी फसल के रुप में अपने परिश्रम का फल प्राप्त कर चुके होते हैं | फसल काटने के बाद उनके पास आनंद और उल्लास का पूरा समय होता है | इसलिए इस समय को वे विभिन्न त्योहारों के माध्यम से मनाते हैं | नए कपड़े खरीदते हैं, नए बर्तन खरीदते हैं, सोना-चांदी के गहने खरीदते हैं | नई वस्तुओं के स्वागत के लिए अपने घर ही नहीं आस-पड़ोस की भी साफ-सफाई करते हैं |

दीपावली से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं 
इस दिन भगवान राम, लक्ष्मण और माता जानकी 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे और उनके आने की खुशी में नगरवासियों ने घर-घर घी के दीये जलाए थे। तभी‍ से इस त्योहार की शुरुआत हुई। 

लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन “गोवर्धन पूजा” मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इन्द्र को पराजित किया था।

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