write a short note on frankfurt congress in hindi
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1848 इसवी में जर्मनी में क्रांति की लहर आई। कई सुधारों की मांग उठी । निर्वाचन के बाद एक राष्ट्रीय संसद का गठन किया गया। इस संबंध में फ्रेंकफर्ट के सेंटपाल चर्च में बैठक हुई। बैठक में संविधान निर्माण की योजना बनाई गई। राष्ट्र का प्रधान एक राजा होगा और वह संविधान के मुताबिक शासन करेगा ।राजा के लिए प्रशिया के सम्राट फ्रेडरिक चतुर्थ को पद स्वीकार करने को कहा गया मगर ऑस्ट्रिया का तथा उसका मंत्री दोनों ही निरंकुश शासन के पक्ष में थे ।फ्रेडरिक ने आस्ट्रिया के डर के कारण यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया ।जिससे जर्मनी के एकीकरण में सफलता नहीं मिल पाई ।
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