Social Sciences, asked by guptaarvind6855, 6 months ago

write a short notes on laukik sahityas.​

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Answered by sangeetadas59023
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Answer:

लौकिक साहित्य

लौकिक साहित्य से अभिप्राय उस साहित्य से है जो लोकसंवेदना से उपजकर उसका संवर्धन, संचयन और प्रकटीकरण करता है। इसके साथ ही वह लोक जीवन से अविच्छन्न रहकर लोक का कंठहार बना रहता है। इसके संरक्षण का दायित्व लोक द्वारा ही निभाया जाता है।

आदिकालीन लौकिक साहित्य

हिंदी साहित्य के आदिकाल में लौकिक साहित्य विपुल मात्रा में रचा गया था। इनमें वियोग श्रृंगार का काव्यसंदेश रासक सर्व प्रमुख है। अमीर खुसरो की पहेलियाँऔर मुकरियाँ, रोड़ा कवि द्वारा रचित गद्य पद्य मिश्रितधोलामारुरादुहा, बसन्त विलास आदि भी लौकिक साहित्य का प्रमुख अंग है। ]]

Answered by Anonymous
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Answer:

लौकिक साहित्य से अभिप्राय उस साहित्य से है जो लोक संवेदना से उपजकर उसका संवर्धन, संचयन और प्रकटीकरण करता है। इसके साथ ही वह लोक जीवन से अविच्छन्न रहकर लोक का कंठहार बना रहता है। इसके संरक्षण का दायित्व लोक द्वारा ही निभाया जाता है।

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