Write a speech in Hindi for the following topic: varthaman sandharb me dhesh ke vikas ke liye svadeshi maarg ki saarthaktha
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देश के लिए प्यार और देश के लिए हर तरह की कठिनाइयों का सामना करने के लिए जो उत्साह होता है वह देशभक्ति कहलाता है। देशभक्ति हमें अपने देश से प्यार करने और संपूर्ण मानवता को गले लगाना सिखाती है। यह लोगों को अपने राष्ट्र के प्रमुख कर्तव्यों का पालन करने की ओर इशारा करता है। देशभक्ति की भावना से तात्पर्य देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देकर खुशी की तलाश करना है और यह हमें अपने देश के लिए हमारे सार्थक कदमों को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है। यहां हम आपको चार स्पीच उपलब्ध करवा रहे हैं जिससे आप किसी भी घटना या अवसर पर इस विषय को समझाने का प्रयास कर सकें। इसलिए इन भाषणों का सर्वोत्तम उपयोग करें और अपने अध्ययन में सफ़लता हासिल करें।
देशभक्ति पर भाषण (Speech on Patriotism in Hindi)
भाषण – 1
आदरणीय सीईओ, प्रबंधक और पर्यवेक्षक, प्रिय सहयोगियों और अन्य सभी दोस्तों!
आज वह दिन है जब हमें ब्रिटिशों से आजादी मिली थी और 1947 में हमारा देश स्वतंत्र देश बन गया था। हर साल की तरह हम यहां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं और उन सभी महान लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया है और अभी भी स्वतंत्रता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिंदगी का त्याग कर रहे हैं।
मैं हमारी देशभक्ति पर स्पीच देने का अवसर प्राप्त करके खुद को अत्यधिक सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह विषय मेरे लिए बहुत संवेदनशील है क्योंकि मैं अपने देश से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं। हम सभी जानते हैं कि भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने कितने कठिनाइयों का सामना किया है। किसी भी देश की स्वतंत्रता के लिए देशभक्ति की भावना और संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है। एक देशभक्त व्यक्ति वह होता है जो हमेशा अपने देश की आवश्यकता और प्यार के लिए अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहता है।
किसी भी व्यक्ति के सबसे अच्छे गुणों में से एक देशभक्ति होती है। यह मन की पवित्र भावना है। शुक्र है हम स्वतंत्र देश में रहते हैं बजाए अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों के जिन्होंने कई संघर्ष और बलिदान देने के बाद इसे हासिल किया था। अब हमें जीवित रहने के लिए हर दिन वास्तव में उतना संघर्ष नहीं करना पड़ता जितना उन्हें अपने जीवन में करना पड़ा था।
इसलिए उन सभी महान लोगों को याद रखते हुए, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है, हम देशभक्ति की भावनाओं से भरे हुए हैं। महात्मा गांधी, शाहिद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव, सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल और कई अन्य महान लोगों ने अपनी आखिरी श्वास तक कड़ी मेहनत की सिर्फ इसलिए कि वे अपने देशवासियों को सद्भाव में रहते हुए देखना चाहते थे। यह केवल उन महान लोगों के कार्य ही हैं जो दुनिया उन्हें अभी भी याद करती है। हालांकि हमारे समाज में कई असामाजिक तत्व हैं जो हमारे देश की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं।
आजकल हम खबरों में देखते हैं कि कुछ विश्वविद्यालयों के युवा छात्रों के कुछ वर्ग अपने देश के खिलाफ बोलते हैं। ऐसे लोग स्वतंत्रता सेनानियों और हमारी सशस्त्र बलों द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों का सम्मान नहीं करते हैं जो हमारी हर पल रक्षा करते हैं।
hope this will help
thanks ...
Explanation:
स्वदेशी का अर्थ है- 'अपने देश का' अथवा 'अपने देश में निर्मित'। वृहद अर्थ में किसी भौगोलिक क्षेत्र में जन्मी, निर्मित या कल्पित वस्तुओं, नीतियों, विचारों को स्वदेशी कहते हैं। वर्ष 1905 के बंग-भंग विरोधी जनजागरण से स्वदेशी आन्दोलन को बहुत बल मिला, यह 1911 तक चला और गाँधी जी के भारत में पदार्पण के पूर्व सभी सफल अन्दोलनों में से एक था। अरविन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, वीर सावरकर, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और लाला लाजपत राय स्वदेशी आन्दोलन के मुख्य उद्घोषक थे।[1] आगे चलकर यही स्वदेशी आन्दोलन महात्मा गांधी के स्वतन्त्रता आन्दोलन का भी केन्द्र-बिन्दु बन गया। उन्होंने इसे "स्वराज की आत्मा" कहा।