WRITE A STORY ON ANY TOPIC IN HINDI
Answers
Answer:
उपन्यासकार डा. क्रोनिन अत्यंत निर्धन थे।
पुस्तकों की रॉयल्टी या तो प्रकाशक हड़प जाते अथवा क्रोनिन को उनके हक से कम दो क्रोनिन बहुत सीधे थे। प्रकाशकों से लड़ाई कर अपना हक लेना उन्हें नहीं आता था।
अतः गरीबी में उनका जीवन बिट रहा था। इसी गरीबी में जैसे-तैसे उन्होंने चिकित्सा की पढ़ाई पूर्ण की और डॉक्टर बन गया जब वे चिकित्सा के क्षेत्र में आए तो कुछ लोगों ने उन्हें इसके जरिए पैसा कमाने का तरीका बताया।
वे लोगों की बातों में आकर मरीज से मोटी फ़ीस वसूलने लगे। वे किसी भी निधर्न पर दया नहीं करता और पुर पूरा चिकित्सा खर्च लेते।
यह देखकर क्रोनिन की पत्नी बहुत दुखी हुई। वे अत्यंत दयालु थी।
पति की गरीबों के साथ यह निर्दय देख एक दिन वे बोली - हम गरीब ही ठीक थे। हम से कम दिल में दया तो थी।
उस दया को खोकर तो हम कंगाल हो गए, अब मनुष्य ही नहीं रहे।
पत्नी की मर्मस्पर्शी बात सुनकर डा. कोर्निन को आत्मा-बोध हुआ और उन्होंने अपनी पत्नी से कहा - तुम सच कह रही हो।
व्यक्ति धन से नहीं, मन से धनी होता है। तुमने सही समय पर सही राह दिखाई अन्यथा हम अमानवीयता की गहरी खाई में गिर जाते तो कभी उठ ही नहीं पाते।
कथा का निहितार्थ यह है कि जब मनुष्य अपनी मानवीयता की मूल पहचान से डिगने लगता है, तो सामाजिक नैतिकता तो खंडित होती ही है, वह स्वयं भी भीतर खोखला हो जाता है, क्यूंकि ऐसा उनकी पवित्र संस्कारशीलता बलि चढ़ चुकने के बाद ही होता है।
PLZ MARK ME AS BRAINIST DEAR
सात रंग।
देवताओं के राजा इंद्र के दरबार में सात बच्चे थे। एक दिन सातों बच्चों में बहस छिड़ गई कि कौन सबसे महान है। लाल ने दूसरों को समझाते हुए कहा-“इसमें कोई शक नहीं कि मैं सबसे महान हूँ।
तरबूज, अनार और सेब सब लाल रंग के होते हैं।” इस पर संतरी ने कहा-“गाजर और दालें संतरी होती हैं, इसलिए मैं महान हूँ।” हरे ने टोकते हुए कहा-“सारे कच्चे फल हरे होते हैं, इसलिए मैं महान हूँ।
तभी नीला बोला-” आकाश के रंग को देखो तो तुम्हें समझ आएगा कि कौन महान है। गहरे नीले ने सवाल उठाया “क्या तुमने मोर को देखा है?” इस पर बैंगनी ने कहा “तुमने पके हुए अंगूरों को तो देखा होगा।
उससे यह साफ होता है कि मैं महान हूँ।” जब इंद्र को उनकी बहस का पता चला तो उसने कहा-“तुम अच्छे बच्चे हो। तुम्हें लड़ना नहीं चाहिए। मिल कर रहो और खेलो।” सभी बच्चे मिलकर खेलने लगे। उनके मिलने से आकाश में सात रंगों का इंद्रधनुष बन गया।”