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Cooking the Khichdi.
It was winter. The ponds were all frozen.
At the court, Akbar asked Birbal, "Tell me Birbal! Will a man do anything for money?" Birbal replied, 'Yes'.
The emperor ordered him to prove it.
The next day Birbal came to the court along with a poor Brahmin who merely had a penny left with him. His family was starving.
Birbal told the king that the Brahmin was ready to do anything for the sake of money.
The king ordered the Brahmin to be inside the frozen pond all through the night without any attire if he needed money.
The poor Brahmin had no choice. The whole night he was inside the pond, shivering. He returned to the durbar the next day to receive his reward.
The king asked "Tell me Oh poor Brahmin! How could you withstand the extreme temperature all through the night?"
The innocent Brahmin replied "I could see a faintly glowing light a kilometer away and I withstood with that ray of light."
Akbar refused to pay the Brahmin his reward saying that he had got warmth from the light and withstood the cold and that was cheating.
The poor Brahmin could not argue with him and so returned disappointed and bare-handed.
Birbal tried to explain to the king but the king was in no mood to listen to him.
Thereafter, Birbal stopped coming to the durbar and sent a messenger to the king saying that he would come to the court only after cooking his khichdi.
As Birbal did not turn up even after 5 days, the king himself went to Birbal's house to see what he was doing. Birbal had lit the fire and kept the pot of uncooked khichdi one meter away from it.
Akbar questioned him "How will the khichdi get cooked with the fire one meter away? What is wrong with you Birbal?"
Birbal, cooking the khichdi, replied "Oh my great King of Hindustan! When it was possible for a person to receive warmth from a light that was a kilometer away, then it is possible for this khichdi, which is just a meter away from the source of heat, to get cooked."
Akbar understood his mistake. He called the poor Brahmin and rewarded him 2000 gold coins.
It was winter. The ponds were all frozen.
At the court, Akbar asked Birbal, "Tell me Birbal! Will a man do anything for money?" Birbal replied, 'Yes'.
The emperor ordered him to prove it.
The next day Birbal came to the court along with a poor Brahmin who merely had a penny left with him. His family was starving.
Birbal told the king that the Brahmin was ready to do anything for the sake of money.
The king ordered the Brahmin to be inside the frozen pond all through the night without any attire if he needed money.
The poor Brahmin had no choice. The whole night he was inside the pond, shivering. He returned to the durbar the next day to receive his reward.
The king asked "Tell me Oh poor Brahmin! How could you withstand the extreme temperature all through the night?"
The innocent Brahmin replied "I could see a faintly glowing light a kilometer away and I withstood with that ray of light."
Akbar refused to pay the Brahmin his reward saying that he had got warmth from the light and withstood the cold and that was cheating.
The poor Brahmin could not argue with him and so returned disappointed and bare-handed.
Birbal tried to explain to the king but the king was in no mood to listen to him.
Thereafter, Birbal stopped coming to the durbar and sent a messenger to the king saying that he would come to the court only after cooking his khichdi.
As Birbal did not turn up even after 5 days, the king himself went to Birbal's house to see what he was doing. Birbal had lit the fire and kept the pot of uncooked khichdi one meter away from it.
Akbar questioned him "How will the khichdi get cooked with the fire one meter away? What is wrong with you Birbal?"
Birbal, cooking the khichdi, replied "Oh my great King of Hindustan! When it was possible for a person to receive warmth from a light that was a kilometer away, then it is possible for this khichdi, which is just a meter away from the source of heat, to get cooked."
Akbar understood his mistake. He called the poor Brahmin and rewarded him 2000 gold coins.
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1. मोम का शेर
एक बार ईरान के राजा ने पिंजरे में एक शेर भेजा और कहा कि अगर इसे कोई बिना पिंजरा खोले बाहर निकाल देगा तो मान जायेगा की आपके दरबार मेंनवरत्नों की होड संसार में नहीं हो सकती। अकबर ने सभी दरबारियों से शेर को बिना पिंजरा खोले बाहर निकालने को कहा पर सभी असफल रहे। अंत में बीरबल को बुलाया गया। बीरबल ने एक गर्म सलाख ली और उससे शेर को दागने लगा कुछ ही देर में मोम का शेर पिघल गया, अकबर बीरबल की बुद्धिमत्ता देखकर बहुत खुश हुआ। बीरबल के कारण ईरान के राजा के सामने अकबर की ईज्जत रह गयी।
2. छोटी लाईन बडी लाईन
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे। तभी अकबर ने तलवार से धरती पर एक लाईन खींच दी और उसे बिना मिटाये छोटी करने को कहा । बीरबल ने उसी लाईन के सामने एक बडी लाईन खींच दी। अब अकबर की खींची हुई लाईन उस लाईन के सामने छोटी नजर आ रही थी। अकबर ने बीरबल की अक्ल की तारीफ की।
3. बेगम साहिबा
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे. अकबर बोले, “बीरबल ! तुम्हारी बीवी बहुत सुंदर है” बीरबल : जहाँपनाह, पहले मैं भी ऐसा ही सोचता था पर जबसे बेगम साहिबा को देखा है मैं अपनी पत्नी को ही भूल गया” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर झेंप गए। उन्होनें बीरबल के साथ ऐसा मजाक दोबारा नहीं किया।
4. अंधकार
एक बार यमुना किनारे टहलते हुए अकबर ने बीरबल से पूछा, बताओ बीरबल, वह क्या चीज है जिसे हम देखते हैं पर चाँद की नजर उस पर नहीं पड़ती?” बीरबल: वह चीज है “अंधकार” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर संतुष्ट हुए।
5. सबसे तेज कौन दौडता है ?
अकबर ने दरबार में सवाल उठाया, “सबसे तेज कौन चलता है ?” किसी ने चाँद तो किसी ने सुरज को सबसे तेज चलने वाला बताया। फिर बीरबल से पूछा गया, “महाराज ! महाजन का सूद सबसे तेज दौडता है, दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से ये बढता ही जाता है, इससे तेज कोई नहीं दौड सकता। ” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर खुश हुए।
अकबर – बीरबल की यह उम्दा कहानी भी एक बार जरुर पढ़े : बीरबल की बुद्धिमानी
6. गधे तम्बाकू नहीं खाते
बीरबल तम्बाकू खाता था पर अकबर ना खाते थे. एक बार तम्बाकू के खेत में गधे को घास खाते देख अकबर को मजाक सूझा, ” बीरबल ! गधे भी तम्बाकू नहीं खाते?” “जी महाराज! जो गधे होते वे ही तम्बाकू नहीं खाते, इंसान ही खाते हैं।” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर बुरी तरह झेंप गए।
7. दो गधों का बोझ
एक बार अकबर अपने शहजादे और बीरबल के साथ नदी पर नहाने गए। अकबर ने अपनी पोशाक उतारकर बीरबल को दे दी। शहजादे ने भी वैसा ही किया। अकबर को मजाक सूझा, “क्यों बीरबल, अब तो तुम पर एक गधे का बोझ हो गया होगा।” नहीं महाराज ! एक गधे का नहीं बल्कि दो गधों का बोझ हो गया है” बीरबल की बात सुनकर अकबर झेप गए।
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8. हजार जूते
एक बार अकबर ने बीरबल के जूते छुपवा दिए। जब बीरबल जाने लगे तो उसे अपने जूते नहीं मिले। बीरबल परेशान हो गया तो अकबर ने कहा हमारी तरफ से बीरबल को नए जूते दिए जाए। बीरबल जूते पाकर हँसते हुए बोला, “महाराज! खुदा आपको इस लोक और परलोक में ऐसे हजारों जोडी जुते दे।” यह सुनकर अकबर शर्मिंदा हो उठे।
9. तुम्हारा दास हूं, गोभी का नहीं
एक दिन अकबर और बीरबाल ग्रामीण इलाकों में सवारी कर रहे थे और वे एक गोभी के खेत से गुजर रहे थे। “गोभी ऐसी रमणीय सब्जियां हैं!” अकबर ने कहा “मैं सिर्फ गोभी से प्यार करता हूँ।” “गोभी सब्जियों की राजा है!” बीरबल ने कहा। कुछ हफ्ते बाद वे फिर से गोभी के खेत के पीछे सवारी कर रहे थे।
इस बार हालांकि, सम्राट ने एक चेहरा बनाया जब उसने सब्जियां देखीं “मैं गोभी से प्यार करता था लेकिन अब मुझे इसमें कोई स्वाद नहीं है।” अकबर ने कहा।
बीरबल ने कहा, “गोभी एक बेस्वाद सब्जी है” सम्राट आश्चर्यचकित था। “लेकिन आखिरी बार तुमने कहा था कि यह सब्जियों का राजा है!” उसने कहा। “मैंने कहा.. बीरबल बोला “लेकिन मैं तुम्हारा दास हूं, गोभी का नहीं।”
10. पूर्णिमा का चाँद
बीरबल फारस देश के राजा के निमंत्रण पर था। उनके सम्मान दावत का आयोजन किया गया था और अनेक उपहार दिए गए थे। घर जाने की पूर्व संध्या पर, एक अमीर ने पूछा कि वह कैसे अपने राजा की फारस के राजा से तुलना करेगा। बीरबल ने कहा, “आपका राजा पूर्णिमा के चाँद जैसा है।” हालांकि, मेरा राजा चौथ के चंद्रमा के समान है। ” फारसी बहुत खुश थे लेकिन जब बीरबल घर गए तो उन्होंने पाया कि सम्राट अकबर बहुत गुस्से में था।
अकबर ने गुस्से में कहा “तुम अपने खुद के राजा को कैसे कमजोर बता सकते हो !” तुम एक गद्दार हो !” बीरबल ने कहा, “नहीं, महामहिम,” मैंने आपको कमज़ोर नहीं किया है। पूर्णिमा का चाँद कम हो जाता है और गायब हो जाता है जबकि चौथे चाँद में शक्ति में बढ़ती है। मैं वास्तव में दुनिया को बताता हूं कि आपकी शक्ति बढ़ रही है दिन प्रतिदिन, जबकि फारस के राजा का पतन होने वाला है। “अकबर ने संतोष व्यक्त किया और बीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
All The Best !
एक बार ईरान के राजा ने पिंजरे में एक शेर भेजा और कहा कि अगर इसे कोई बिना पिंजरा खोले बाहर निकाल देगा तो मान जायेगा की आपके दरबार मेंनवरत्नों की होड संसार में नहीं हो सकती। अकबर ने सभी दरबारियों से शेर को बिना पिंजरा खोले बाहर निकालने को कहा पर सभी असफल रहे। अंत में बीरबल को बुलाया गया। बीरबल ने एक गर्म सलाख ली और उससे शेर को दागने लगा कुछ ही देर में मोम का शेर पिघल गया, अकबर बीरबल की बुद्धिमत्ता देखकर बहुत खुश हुआ। बीरबल के कारण ईरान के राजा के सामने अकबर की ईज्जत रह गयी।
2. छोटी लाईन बडी लाईन
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे। तभी अकबर ने तलवार से धरती पर एक लाईन खींच दी और उसे बिना मिटाये छोटी करने को कहा । बीरबल ने उसी लाईन के सामने एक बडी लाईन खींच दी। अब अकबर की खींची हुई लाईन उस लाईन के सामने छोटी नजर आ रही थी। अकबर ने बीरबल की अक्ल की तारीफ की।
3. बेगम साहिबा
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे. अकबर बोले, “बीरबल ! तुम्हारी बीवी बहुत सुंदर है” बीरबल : जहाँपनाह, पहले मैं भी ऐसा ही सोचता था पर जबसे बेगम साहिबा को देखा है मैं अपनी पत्नी को ही भूल गया” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर झेंप गए। उन्होनें बीरबल के साथ ऐसा मजाक दोबारा नहीं किया।
4. अंधकार
एक बार यमुना किनारे टहलते हुए अकबर ने बीरबल से पूछा, बताओ बीरबल, वह क्या चीज है जिसे हम देखते हैं पर चाँद की नजर उस पर नहीं पड़ती?” बीरबल: वह चीज है “अंधकार” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर संतुष्ट हुए।
5. सबसे तेज कौन दौडता है ?
अकबर ने दरबार में सवाल उठाया, “सबसे तेज कौन चलता है ?” किसी ने चाँद तो किसी ने सुरज को सबसे तेज चलने वाला बताया। फिर बीरबल से पूछा गया, “महाराज ! महाजन का सूद सबसे तेज दौडता है, दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से ये बढता ही जाता है, इससे तेज कोई नहीं दौड सकता। ” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर खुश हुए।
अकबर – बीरबल की यह उम्दा कहानी भी एक बार जरुर पढ़े : बीरबल की बुद्धिमानी
6. गधे तम्बाकू नहीं खाते
बीरबल तम्बाकू खाता था पर अकबर ना खाते थे. एक बार तम्बाकू के खेत में गधे को घास खाते देख अकबर को मजाक सूझा, ” बीरबल ! गधे भी तम्बाकू नहीं खाते?” “जी महाराज! जो गधे होते वे ही तम्बाकू नहीं खाते, इंसान ही खाते हैं।” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर बुरी तरह झेंप गए।
7. दो गधों का बोझ
एक बार अकबर अपने शहजादे और बीरबल के साथ नदी पर नहाने गए। अकबर ने अपनी पोशाक उतारकर बीरबल को दे दी। शहजादे ने भी वैसा ही किया। अकबर को मजाक सूझा, “क्यों बीरबल, अब तो तुम पर एक गधे का बोझ हो गया होगा।” नहीं महाराज ! एक गधे का नहीं बल्कि दो गधों का बोझ हो गया है” बीरबल की बात सुनकर अकबर झेप गए।
Akbar – Birbal Best 10 Short Stories In Hindi
8. हजार जूते
एक बार अकबर ने बीरबल के जूते छुपवा दिए। जब बीरबल जाने लगे तो उसे अपने जूते नहीं मिले। बीरबल परेशान हो गया तो अकबर ने कहा हमारी तरफ से बीरबल को नए जूते दिए जाए। बीरबल जूते पाकर हँसते हुए बोला, “महाराज! खुदा आपको इस लोक और परलोक में ऐसे हजारों जोडी जुते दे।” यह सुनकर अकबर शर्मिंदा हो उठे।
9. तुम्हारा दास हूं, गोभी का नहीं
एक दिन अकबर और बीरबाल ग्रामीण इलाकों में सवारी कर रहे थे और वे एक गोभी के खेत से गुजर रहे थे। “गोभी ऐसी रमणीय सब्जियां हैं!” अकबर ने कहा “मैं सिर्फ गोभी से प्यार करता हूँ।” “गोभी सब्जियों की राजा है!” बीरबल ने कहा। कुछ हफ्ते बाद वे फिर से गोभी के खेत के पीछे सवारी कर रहे थे।
इस बार हालांकि, सम्राट ने एक चेहरा बनाया जब उसने सब्जियां देखीं “मैं गोभी से प्यार करता था लेकिन अब मुझे इसमें कोई स्वाद नहीं है।” अकबर ने कहा।
बीरबल ने कहा, “गोभी एक बेस्वाद सब्जी है” सम्राट आश्चर्यचकित था। “लेकिन आखिरी बार तुमने कहा था कि यह सब्जियों का राजा है!” उसने कहा। “मैंने कहा.. बीरबल बोला “लेकिन मैं तुम्हारा दास हूं, गोभी का नहीं।”
10. पूर्णिमा का चाँद
बीरबल फारस देश के राजा के निमंत्रण पर था। उनके सम्मान दावत का आयोजन किया गया था और अनेक उपहार दिए गए थे। घर जाने की पूर्व संध्या पर, एक अमीर ने पूछा कि वह कैसे अपने राजा की फारस के राजा से तुलना करेगा। बीरबल ने कहा, “आपका राजा पूर्णिमा के चाँद जैसा है।” हालांकि, मेरा राजा चौथ के चंद्रमा के समान है। ” फारसी बहुत खुश थे लेकिन जब बीरबल घर गए तो उन्होंने पाया कि सम्राट अकबर बहुत गुस्से में था।
अकबर ने गुस्से में कहा “तुम अपने खुद के राजा को कैसे कमजोर बता सकते हो !” तुम एक गद्दार हो !” बीरबल ने कहा, “नहीं, महामहिम,” मैंने आपको कमज़ोर नहीं किया है। पूर्णिमा का चाँद कम हो जाता है और गायब हो जाता है जबकि चौथे चाँद में शक्ति में बढ़ती है। मैं वास्तव में दुनिया को बताता हूं कि आपकी शक्ति बढ़ रही है दिन प्रतिदिन, जबकि फारस के राजा का पतन होने वाला है। “अकबर ने संतोष व्यक्त किया और बीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
All The Best !
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