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•Boye ped babul ka toh aam kaha se hoye.
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◆◆◆【 बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होय】◆◆◆
प्रिय मित्र यह बहुत ही पुरानी कहावत है , कि वह पेड़ बबूल के तो आम कहां से हो जिसका अर्थ होता है , कि जब आपने अच्छे काम नहीं किए हैं ।
तो आपको अच्छा फल कैसे मिलेगा ।
★★इस बात को यह कहावत बहुत अच्छे रुप से प्रदर्शित करती है । कि बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होय कि जब आपने बबूल का पेड़ लगाया है । और आपको आम कहां से प्राप्त होंगे ।★★
★★आप पर लगाए बैठे हैं बबूल का जिसमें कांटे होते हैं । और चाहते हैं कृपया मेरे इसलिए असंभव है । इसलिए हमें काम करना चाहिए तो हमें अच्छा फल मिलेगा , यदि हम आम का पेड़ लगाएंगे तो ही हमें आम मिलेंगे , अन्यथा हमे बबूल ही मिलेंगे और उसके काटे भी।
●●● Thanks ●●●
"बोए पेड़ बबूल का तोह आम कहा से होय से सबंधित कहानी" :- किसी गॉव में एक बहुत धनी सेठ रहता था उसके घर की रसोई में एक कबूतर का घोंसला था जिसमे कबूतर बड़े आराम से अपना जीवन पसर कर रहा था उसी जगह पर एक लालची कौवा भी वही पास ही में रहता था.
एक दिन कौवा उधर से निकला आ रहा था वंहा उसने कुछ मछली देखी और उसके मन में लालच आ गया और सोचने लगा कैसे मछली खाई जाये.कौवा घर के अंदर जाने के लिए बहुत सारे तरीके सोचने लगा तभी उस कौवे की निगाह घर में कबूतर के घोसले पर पड़ी और मन में विचार आया.कि अगर में इस कबूतर से friendship कर लू तो घर में आसानी से जा सकता हूँ फिर शायद मेरी बात बन जाएँ.
कबूतर जब घर के बहार दाना चुगने के लिए निकला लालची कौवा उसके साथ-साथ हो गया कुछ देर बाद कबूतर ने पीछे मुड़कर देखा तो कौवा उसके पीछे-पीछे आ रहा है.
इस पर कबूतर ने कौवे से कहा भाई तुम मेरे पीछे क्यों आ रहे हो कौवे ने कबूतर से कहा कि तुम मुझे अच्छे लगते हो इसलिए मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ.
यह बात सुन कर कबूतर ने कौवे से कहा कि हम दोनों कैसे दोस्त बन सकते है मेरा और तुम्हारा भोजन अलग अलग है.जैसे ही नौकर घर की रसोई से बाहर निकला उधर कौवा इन्तजार कर रहा था कि नौकर कब बहार आये कौवे घर में घुस गया और मछली उठाकर आराम से खाने लगा.
तभी नौकर घर वापिस आया तो कौवे को मछली खाते देख गुस्से से भर गया और उसने कौवे को पकड़ कर गर्दन मरोड़ कर मार डाला.