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कोविड-19 एक भयावह दृश्य
संकेत बिंदु-
1.प्रस्तावना
2. विश्व में स्थिति
3.भारत में इसका प्रभाव
4. आपका योगदान
5. निष्कर्ष
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Answers
एक दूसरे के संपर्क में आने से बचना और एक निश्चित दूरी बनाकर रहना सोशल डिस्टेंसिंग है। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक दूसरे से निश्चित दूरी बनाकर रखना और अपने-अपने स्थानों पर सुरक्षित रहना है। दूरी बनाकर रहने से वायरस का संक्रमण भी कम होगा और यह फैलेगा भी नहीं। कोरोना वायरस की गति को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी कदम है। यह इसलिए आवश्यक है ताकि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, वायरस की स्थिति को संभाल सके। इसके तहत सामूहिक समारोहों से दूर रहना है। कार्यालयों, स्कूलों, सम्मेलनों, खेल आयोजनों, शादियों आदि से दूरी और इसके आयोजनों का कुछ समय तक ना होना, जिससे संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।
लॉकडाउन एक प्रशासनिक आदेश होता है। इसको सरकार आपदा के दौरान सरकारी तौर पर लागू कर सकती है। इसमें लोगों से घर में रहने का अनुरोध किया जाता है और जरूरी सेवाओं के अलावा सारी सेवाएं बंद कर दी जाती हैं। इसका मकसद होता है, सब अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहें।
महामारी अधिनियम 1897 के तहत लॉकडाउन को लागू किया जाता है। इस अधिनियम का इस्तेमाल किसी विकराल और विकट समस्या के दौरान किया जाता है। जब केंद्र और राज्य सरकार को ये विश्वास हो जाए कि कोई बड़ा संकट या महामारी देश या राज्य में आ चुकी है और सभी नागरिकों की जान को इससे खतरा हो सकता है तब इसको लागू किया जाता है। महामारी अधिनियम 1897 की धारा 2 राज्य सरकार को कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां प्रदान करती है, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें बीमारी की रोकथाम के लिए अस्थायी रूप से कोई नियम बना सकती हैं।
वर्तमान समय में भारत में लॉकडाउन में आवश्यक सेवाओं जैसे पुलिस, अग्निशमन, मेडिकल, पैरामेडिकल, बस टर्मिनल, बस स्टैंड, सुरक्षा सेवाएं, पोस्टल सेवाएं, पेट्रोल पंप, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, टेलीकॉम एवं इंटरनेट सेवाएं, बैंक, एटीएम, पानी, बिजली, नगर निगम, मीडिया, डिलीवरी, ग्रॉसरी और दूध आदि सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई है ताकि अव्यवस्था ना फैले।
Explanation:
कोरोना वायरस डिजीज (कोविड-19) पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Corona Virus Disease - Covid-19)
परिचय
कोरोना एक वायरस जनित रोग है जिसने महामारी का रूप ले लिया है और समस्त संसार में तबाही मचा रहा है। इस रोग की शुरुआत जुकाम एवं खासी मात्र से होती है जो धीरे-धीरे आगे चल कर एक विकराल रूप ले लेती है और रोगी के स्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करती है। इतनी बुरी तरह की कई बार रोगी की मृत्यु हो जाती है।
इसकी उतपत्ति कहाँ से हुई?
कोरोना की उत्पत्ति सबसे पहले 1930 में एक मुर्गी में हुई थी और इसने मुर्गी के स्वसन प्रणाली को प्रभावित किया था और आगे चलकर 1940 में कई अन्य जानवरों में भी पाया गया। इसके बाद सन् 1960 में एक व्यक्ति में पाया गया जिसे सर्दी की शिकायत थी। इन सब के बाद वर्ष 2019 में इसे दुबारा इसका विकराल रूप चीन में देखा गया जो अब धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैलता जा रहा है।
कैसे करें कोरोना से बचाव
कोरोना से बचाव करने में ही समझदारी है, क्यों की यह एक संक्रामक रोग है जो बहुत ही तेजी से एक दूसरे में फैलता है। डब्लू एच ओ ने कुछ सावधानियों की सूची निकाली है और यह भी बताया है की कोरोना से बचाव के ये मूल मंत्र हैं। आइये इन्हें विस्तार में जानते हैं।
सदैव बहार से आने के बाद अपने हाथों को साबुन से करीब 20-30 सेकंड तक अवश्य धोएं।
अपने हाथों को अपने मुख से दूर ही रखें, जिससे की संक्रमण होने पर भी आपके अंदर न जा पाए।
लोगों से 5 से 6 फीट की दूरी सदैव बनाये रखें।
जरूरी न हो तो बाहर न जाये।
सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
सदैव मास्क और ग्लव्स पहने।
संक्रमण की स्थिति में खुद को दूसरों से अलग कर लें और नजदीकी अस्पताल में सूचित करें।
निष्कर्ष
कोरोना एक जान लेवा बीमारी है, जो कभी भी और किसी को भी हो सकता है। इस लिये बताइ गई सावधानी अवश्य बरतें और सतर्क रहें। बच्चों को भी समझाए और हाथ धुलने की आदत उनमे भी सिखाये और इस बीमारी को दुनिया से ख़तम करने की जंग में एक बहुमूल्य योगदान अपना भी दे।