Write about five natural calamities in hindi
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5 प्राकृतिक आपदायें
प्राकृतिक आपदा: प्राकृतिक आपदा किसी ऐसी घटना के घटने की सम्भावना को कहते हैं जिससे मनुष्यों अथवा पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पर सकता हो। जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। नीचे कुछ प्राकृतिक आपदाओं के बारे में बताया गया है।
1.भूकंप: पृथ्वी की परत से ऊर्जा के अचानक उत्पन्न होने से भूकंप आता है। पृथ्वी की सतह पर, भूकंप अपने आप को, भूमि को हिलाकर के प्रकट करता है। झटके और भूमि का फटना भूकंप के मुख्य प्रभाव हैं, जो मुख्य रूप से इमारतों व अन्य कठोर संरचनाओं कम या अधिक पैमाने पर नुकसान पहुँचता है। ३ या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर अतिसूक्ष्म मतलब जिसका बिलकुल एहसास नहीं होता है और ७ रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है।
2.बाढ़: बाढ़ बहुतायत या अधिक मात्रा में पानी का एकत्र हो जाना है। सामान्यतः: यह पानी बहता भी रहता है। बाढ़ ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो अत्यधिक वर्षा होने से नदियों की क्षमता में सामान्य से अधिक अपवाह होने के कारण उत्पन्न होती है। इससे नदियों का जल किनारों से बाहर आकर मैदानी भागों में बहने लगता है। बाढ़ कुछ घण्टों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है, लेकिन इससे जन, धन और फसलों को बहुत अधिक हानि हो सकती है।
3.सूनामी: सूनामी मतलब समुद्र तुफान। सुनामी एक समुद्री में उठने वाली तेज़ हवा है, जो बड़े पैमाने पर समुद्री पानी में हलचल पैदा कर देती है। सुनामी लहरों की शृंखला से मिलकर बनी एक प्राकृतिक घटना है। और यह तब उत्पन्न होती हैं जब समुद्र या झील में जल की व्यापक मात्रा तेजी से विस्थापित होती है। सुनामी विशाल पानी के नीचे भूस्खलन जो भूकम्प या ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण हो सकता है। या यह बड़ी तटीय चट्टान या झील के किनारे के भूस्खलन, या समुद्र की तलहटी के नीचे या इसके समीप ज्वालामुखी उद्गार आदि के द्वारा भी उत्पन्न हो सकती हैं।
4.सूखा या अकाल: जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक लगभग कई महीने या कई वर्ष तक वर्षा कम होती है या नहीं होती है तो इसे सूखा या अकाल कहा जाता है। अकाल के कारण प्रभावित क्षेत्र में कृषि तथा वहाँ के पर्यावरण में अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। अकाल भोजन का एक व्यापक अभाव है जो किसी भी प्राणीमात्र पर लागू हो सकता है। इस घटना के साथ या इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय भुखमरी, महामारी, कुपोषण और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है।
5.भूस्खलन एवं मिट्टी का बहाव: भूस्खलन एक भूवैज्ञानिक घटना है। भूमि के नीचे होने वाली हलचलों जैसे पत्थर खिसकना या गिरना, पथरीली मिट्टी का नीचे गिरना, इत्यादि के कारण आते है। भू-स्खलन कई प्रकार के हो सकते हैं और इसमें चट्टान के छोटे-छोटे पत्थरों के गिरने से लेकर अधिक मात्रा में चट्टान के टुकड़े और मिट्टी का बहाव शामिल हो सकता है तथा इसका विस्तार कई किलोमीटर की दूरी तक हो सकता है। भारी बारिश तथा बाढ़ या भूकंप के आने से भू-स्खलन हो सकता है।
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I can’t translate in Hindi