write about floods in india in hindi
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जून 2013 में, उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेशऔर उत्तराखण्ड में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो गयी। इससे प्रभावित अन्य राज्य हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश हैं। बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ और बहुत से लोग बाढ़ में बह गए और हजारों लोग बेघर हो गये। 24 जून 2013 के अनुसार इस भयानक आपदा में 5000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं
Nayakamraviteja:
thanks
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अगस्त 2018 में भारतीय राज्य केरल में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण बाढ़ आ गयी। यह केरल में एक शताब्दी में आयी सबसे विकराल बाढ़ थी,[2] जिसमें अबतक 373 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, तथा 2,80,679 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा।[3]राज्य के सभी 14 जिलों को हाई एलर्ट पर रखा गया था।[4][5] केरल सरकार के अनुसार राज्य की 1/6 जनसंख्या बाढ़ से सीधे तौर पर प्रभावित हुई है।[6] केन्द्र सरकार ने इस त्रासदी को स्तर तीन की आपदा घोषित किया है।[7] [8]
2018 केरल बाढ़तिथिजुलाई 2018 – जारीस्थानकेरल, भारतकारणनिम्न दाब
अत्यधिक वर्षा
बांधों से भारी मात्रा में जल का उत्प्रवाह
भूस्खलनमृत्यु350+संपत्ति हानि20,000 करोड़ (US$3 बिलियन)[1]वेबसाइटkeralarescue.in
अत्यधिक वर्षा व बाढ़ के कारण राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया है तथा 26 सालों में पहली बार इदुक्की बांध के सभी पाँच द्वारों को खोला गया है।[9] इस कारण से पर्वतीय जिले, वयनाड का सम्पर्क राज्य के अन्य हिस्सों से पूरी तरह से कट गया था।[10]
केरल में 8 अगस्त 2018 को सायं काल में भारी मानसूनी वर्षा हुई जिसके कारण सारे बांधों में क्षमता से अधिक जल भर गया। पहले 24 घण्टों में ही राज्य में 310 मिमी वर्षापात हुआ।[11] जलस्तर बढ़ने के कारण लगभग सभी बांधों के द्वार खोल दिये गये जिससे उनसे सटे निम्न क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी।[12] राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया।[13] केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में तमिलनाडु द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक जल छोड़े जाने को बाढ़ का प्रमुख कारण बताया है।[6]
2018 केरल बाढ़तिथिजुलाई 2018 – जारीस्थानकेरल, भारतकारणनिम्न दाब
अत्यधिक वर्षा
बांधों से भारी मात्रा में जल का उत्प्रवाह
भूस्खलनमृत्यु350+संपत्ति हानि20,000 करोड़ (US$3 बिलियन)[1]वेबसाइटkeralarescue.in
अत्यधिक वर्षा व बाढ़ के कारण राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया है तथा 26 सालों में पहली बार इदुक्की बांध के सभी पाँच द्वारों को खोला गया है।[9] इस कारण से पर्वतीय जिले, वयनाड का सम्पर्क राज्य के अन्य हिस्सों से पूरी तरह से कट गया था।[10]
केरल में 8 अगस्त 2018 को सायं काल में भारी मानसूनी वर्षा हुई जिसके कारण सारे बांधों में क्षमता से अधिक जल भर गया। पहले 24 घण्टों में ही राज्य में 310 मिमी वर्षापात हुआ।[11] जलस्तर बढ़ने के कारण लगभग सभी बांधों के द्वार खोल दिये गये जिससे उनसे सटे निम्न क्षेत्रों में बाढ़ आ गयी।[12] राज्य के इतिहास में पहली बार 42 में से 35 बांधों को खोल दिया गया।[13] केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में तमिलनाडु द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक जल छोड़े जाने को बाढ़ का प्रमुख कारण बताया है।[6]
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