Biology, asked by Awesome98, 1 year ago

Write about Sant kabir in hindi ? ​

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Answered by priyanshibharti21
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कबीर दास का जन्म सन्न 1398ई ० में लहरतारा के पास हुआ था। इनके जन्म के बारे में प्रसिद्धि है कि इन्होंने एक विधवा ब्राह्मणी के पेट से जन्म लिया था। लोक लाज के कारण इनकी मा इन्हें लहरतारा तालाब के पास छोड़ कर चली गयी।वह इन्हें एक जुलाहा दंपत्ती ने लिया। इनके माता पिता का नाम नीरू नीम था। यह बचपन से ही राम नाम का जाप करते थे।इनकी शादी लोई नामक स्त्री के साथ हुई ।इनकी दो पुत्र पुत्री थी। उनका नाम कमल और कमाली था। इनकी मृत्यु मगहर में सन्न 1518ई०में हुई थी ।इनकी प्रमुख रचनाए-साखी सबद रमैनी है।

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Answered by nilesh102
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कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया। उनका लेखन सिखों ☬ के आदि ग्रंथ में भी देखने को मिलता है।

वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे। उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।

उनके जीवनकाल के दौरान हिन्दू और मुसलमान दोनों ने उन्हें अपने विचार के लिए धमकी दी थी।

कबीर पंथ नामक धार्मिक सम्प्रदाय इनकी शिक्षाओं के अनुयायी हैं।

कबीर दास भारत के महान कवि और समाज सुधारक थे। कबीर दास (Kabir Das) के नाम का अर्थ महानता से है। वे भारत के महानतम कवियों में से एक थे।

जब भी भारत में धर्म, भाषा, संस्कृति की चर्चा होती है तो कबीर दास जी का नाम का जिक्र सबसे पहले होता है क्योंकि कबीर दास जी ने अपने दोहों (Kabir Das Ji Ke Dohe ) के माध्यम से भारतीय संस्कृति को दर्शाया है|

इसके साथ ही उन्होनें जीवन के कई ऐसे उपदेश दिए हैं जिन्हें अपनाकर दर्शवादी बन सकते हैं इसके साथ ही कबीर दास ने अपने दोहों से समाज में फैली कुरोतियों को दूर करने की कोशिश की है और भेदभाव को मिटाया है। कबीर पंथ के लोग को कबीर पंथी कहे जाते है जो पूरे उत्तर और मध्य भारत में फैले हुए है। संत कबीर के लिखे कुछ महान रचनाओं में बीजक, कबीर ग्रंथावली, अनुराग सागर, सखी ग्रंथ आदि है।

कबीरदास के नाम से मिले ग्रंथों की संख्या अलग-अलग लेखों के मुताबिक अलग – अलग हैं वहीं एच.एच. विल्सन की माने तो कबीर के नाम पर 8 ग्रंथ हैं। जबिक विशप जी.एच. वेस्टकॉट ने कबीर के 84 ग्रंथों की लिस्ट जारी की है वहीं रामदास गौड ने `हिंदुत्व’ में 71 किताबें गिनाईं हैं।

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