Hindi, asked by stellammm7272, 1 day ago

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SAROJINI NAIDU in Hindi​

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Answered by sujitlipi10
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भारतीय समाज में आज महिला सशक्तिकरण की लहर चल रही है लेकिन यह लहर आज की नहीं बल्कि एक अर्से से भारतीय समाज का हिस्सा है. आजादी की लड़ाई में भी कई भारतीय महिलाओं ने अपना योगदान दिया और यह साबित किया कि वह भी इस समाज का एक सशक्त हिस्सा हैं. आजादी की लड़ाई में अहम योगदान देने वाली कुछ महिलाओं में खास थीं भारत कोकिला सरोजनी नायडू.सरोजनी नायडू भारत की एक प्रसिद्ध कवयित्री और भारत देश के सर्वोत्तम राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वह सदैव आगे रहीं और गांधी जी के साथ नजर आईं.भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बेहद अहम योगदान देने वाली सरोजनी नायडू विचारों से एक कवयित्री थीं. ऐसे में उनके ख्याल हमेशा आजाद रहे लेकिन आजादी के बाद देश को एक बेहतरीन मुकाम तक ले जाने के लिए उन्हें एक विशेष कार्यभार दिया गया. उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया. उत्तर प्रदेश विस्तार और जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रांत था. उस पद को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं अपने को ‘क़ैद कर दिये गये जंगल के पक्षी‘ की तरह अनुभव कर रही हूं. लेकिन वह जवाहरलाल नेहरू जी का बेहद सम्मान करती थीं और उनकी इच्छा को वह टाल ना सकीं.सरोजनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था. उनकी माता वरदा सुंदरी और पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय थे जो निजाम कालेज के संस्थापक रसायन वैज्ञानिक थे. सरोजनी नायडू के पिता चाहते थे कि उनकी पुत्री भी वैज्ञानिक बने लेकिन ऐसा हो ना सका. सरोजनी नायडू को कविताओं से प्रेम था और वह इस प्रेम को कभी त्याग ना सकीं.सरोजनी नायडू ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही 1300 पदों की ‘झील की रानी‘ नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ का उदाहरण दिया था. सरोजनी नायडू को शब्दों की जादूगरनी कहा जाता था. वह बहुभाषाविद थीं. वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी, हिन्दी, बंगला या गुजराती भाषा में देती थीं.सरोजिनी नायडू का प्रथम कविता-संग्रह ‘द गोल्डन थ्रेशहोल्ड’ (1905) में प्रकाशित हुआ जो आज भी पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय है. अंग्रेजी भाषा का अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करने के लिए सरोजनी नायडू इंग्लैंड भी गईं लेकिन वहां का मौसम अनुकूल ना होने के वजह से वह 1898 में ही इंग्लैंड से लौट आईं.

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