write about shri dharan in hindi
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संकलन : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
'न कोई मरता है और न ही कोई मारता है, सभी निमित्त मात्र हैं...सभी प्राणी जन्म से पहले बिना शरीर के थे, मरने के उपरांत वे बिना शरीर वाले हो जाएंगे। यह तो बीच में ही शरीर वाले देखे जाते हैं, फिर इनका शोक क्यों करते हो।'- कृष्ण
krishna
जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर अरिष्ट नेमिनाथ भगवान कृष्ण के चचेरे भाई थे, कृष्ण इनके पास बैठकर इनके प्रवचन सुना करते थे। हालांकि जैन धर्म ने कृष्ण को उनके त्रैषठ शलाका पुरुषों में शामिल किया है, जो नौ वासुदेव में से एक है।
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