CBSE BOARD XII, asked by itemheaven2, 2 months ago

Write about the life of Dr. Bhimrao Ambedkar .​

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Answered by shyamganesh24089
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Answer:

Dr. Bhimrao Ambedkar fought against untouchability.

Answered by AkashMathematics
9

Answer:

*आधुनिक भारत के निर्माता और भारत में सामाजिक सुधारों के अग्रदूत- डॉ0 भीमराव अंबेडकर*

बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का भारत के विकास में जितना योगदान रहा है, उतना शायद ही किसी और राजनेता का रहा हो। एक अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, शिक्षाविद् और कानून के जानकार के तौर पर अंबेडकर ने आधुनिक भारत की नींव रखी थी।

डॉ. अंबेडकर संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन पर आधुनिक भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदारी थी और उन्होंने एक ऐसे संविधान की रचना की जिसकी नज़रों में सभी नागरिक एक समान हों, धर्मनिरपेक्ष हो और जिस पर देश के सभी नागरिक विश्वास करें। एक तरह से भीमराव अंबेडकर ने आज़ाद भारत के DNA की रचना की थी।

तो वहीं संसद के बाहर हरिहरानन्द सरस्वती उर्फ करपात्री महाराज के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन चल रहा था। भारतीय राम राज्य परिषद की स्थापना करने वाले करपात्री का कहना था कि यह बिल हिंदू धर्म में हस्तक्षेप है। यह बिल हिंदू रीति-रिवाजों, परंपराओं और धर्मशास्त्रों के विरुद्ध है। उन्होंने इस बिल पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को वाद-विवाद करने की खुली चुनौती दी। करपात्री महाराज के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिंदू महासभा और दूसरे हिंदूवादी संगठन हिंदू कोड बिल का विरोध कर रहे थे। इसलिए जब इस बिल को संसद में चर्चा के लिए लाया गया तब हिंदूवादी संगठनों ने इसके खिलाफ देश भर में प्रदर्शन शुरू कर दिए। आरएसएस ने अकेले दिल्ली में दर्जनों विरोध-रैलियां आयोजित कीं। हालांकि प्रधानमंत्री नेहरू इस बिल को पारित करवाना चाह रहे थे, लेकिन तमाम विरोध और पहले आम चुनाव नजदीक होने के चलते वह इसे टाल गए। गौरतलब है कि फरवरी 1949 को संविधान सभा की बैठक में नेहरू जी ने कहा था, *‘इस कानून को हम इतनी अहमियत देते हैं कि हमारी सरकार बिना इसे पास कराए सत्ता में रह ही नहीं सकती’।* वहीं आंबेडकर हिंदू कोड बिल पारित करवाने को लेकर काफी चिंतित थे। वे कहते थे, *‘ मुझे भारतीय संविधान के निर्माण से अधिक दिलचस्पी और खुशी हिंदू कोड बिल पास कराने में है ’।* लेकिन यह बिल उस समय पारित नहीं हो सका। आंबेडकर ने हिंदू कोड बिल समेत अन्य मुद्दों को लेकर कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। देश के पहले लोकसभा चुनाव के बाद नेहरू ने हिंदू कोड बिल को कई हिस्सों में तोड़ दिया। जिसके बाद 1955 में हिंदू मैरिज एक्ट बनाया गया। जिसके तहत तलाक को कानूनी दर्जा, अलग-अलग जातियों के स्त्री-पुरूष को एक-दूसरे से विवाह का अधिकार और एक बार में एक से ज्यादा शादी को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। इसके अलावा 1956 में ही हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, हिंदू दत्तक ग्रहण और पोषण अधिनियम और हिंदू अवयस्कता और संरक्षकता अधिनियम लागू हुए। ये सभी कानून महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा देने के लिए लाए गये थे। इसके तहत पहली बार महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया गया। लड़कियों को गोद लेने पर जोर दिया गया। दोस्तों इन सब बातों से पता चलता है कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर तत्समय भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों और रूढ़ियों को समाप्त करने के लिए कितने प्रतिबद्ध थे, यहां तक कि हिन्दू कोड बिल संसद में पारित नही होने पर उन्होंने कानून मंत्री के पद से ही त्याग पत्र दे दिया। *कुरीतियों, सामाजिक रूढ़ियों और सामाजिक भेदभाव से लड़ने वाले दुर्दमनीय इच्छा शक्ति वाले निर्भीक योद्धा।* एक ऐसे महान समाजसुधारक जो राजा राममोहन राय और ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जी जैसे महान समाजसुधारको द्वारा गढ़ी गई परम्परा के योग्य ध्वजवाहक बने और उनके पद्चिन्हों पर पूरी निर्भीकता और आत्मविश्वास से आगे बढ़े। उनकी योग्यता, प्रबुद्धता, प्रखरता,आत्मविश्वास, सामाजिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता व निर्भीकता के बारे में सोचते हुए मन श्रद्धा व कृतज्ञता भाव से बार-बार नतमस्तक हो जाता है। भारतीय राष्ट्र राज्य के इस महान सपूत को उनकी 130 वीं जन्म जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र एवं उसके नागरिकों की ओर से कोटि-कोटि नमन।

आपका मित्र

AKASH ITEM HEAVEN

आभार ☺

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