write about Wilma Rudolph in Hindi in two paragraphs
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यह कहानी है विल्मा रुडोल्फ की….
विल्मा का जन्म 1939 में अमेरिका के टेनेसी राज्य के एक कस्बे में हुआ। विल्मा के पिता रुडोल्फ कुली व माँ सर्वेंट का काम करती थी। विल्मा 22 भाई – बहनों में 19 वे नंबर की थी। विल्मा बचपन से ही बेहद बीमार रहती थी, ढाई साल की उम्र में उसे पोलियो हो गया। उसे अपने पेरों को हिलाने में भी बहुत दर्द होने लगा। बेटी की ऐसी हालत देख कर, माँ ने बेटी को सँभालने के लिए अपना काम छोड़ दिया और उसका इलाज़ शुरू कराया। माँ सप्ताह में दो बार उसे, अपने कस्बे से 50 मील दूर स्तिथ हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर जाती, क्योकि वो ही सबसे नजदीकी हॉस्पिटल था जहा अश्वेतों के इलाज की सुविधा थी। बाकी के पांच दिन घर में उसका इलाज़ किया जाता। विल्मा का मनोबल बना रहे इसलिए माँ ने उसका प्रवेश एक विधालय में करा दिया। माँ उसे हमेशा अपने आपको बेहतर समझने के लिए प्रेरित करती।
पांच साल तक इलाज़ चलने के बाद विल्मा की हालत में थोडा सुधर हुआ। अब वो एक पाँव में ऊँचे ऐड़ी के जूते पहन कर खेलने लगी। डॉक्टर ने उसे बास्केट्बाल खेलने की सलाह दी। विल्मा का इलाज कर रहे डॉक्टर के. एमवे. ने कहा था की विल्मा कभी भी बिना ब्रेस के नहीं चल पाएगी। पर माँ के समर्पण और विल्मा की लगन के कारण, विल्मा ने 11 साल की उम्र में अपने ब्रेस उतारकर पहली बार बास्केट्बाल खेली।
यह उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जब यह बात डॉक्टर के. एम्वे. को पता चली तो वो उससे मिलने आये। उन्होंने उससे ब्रेस उतारकर दौड़ने को कहा। विल्मा ने फटाफट ब्रेस उतारा और चलने लगी। कुछ फीट चलने के बाद वो दौड़ी और गिर पड़ी। डॉक्टर एम्वे. उठे और किलकारी मारते हुए विल्मा के पास पहुचे। उन्होंने विल्मा को उठाकर सीने से लगाया और कहा शाबाश बेटी। मेरा कहा गलत हुआ, पर मेरी साध पूरी हुई। तुम दौडोगी, खूब दौडोगी और सबको पीछे छोड़ दौगी। विल्मा ने आगे चलकर एक इंटरव्यू में कहा था की डॉक्टर एम्वे. की उस शाबाशी ने जैसे एक चट्टान तोड़ दी और वहां से एक उर्जा की धारा बह उठी। मेनें सोच लिया की मुझे संसार की सबसे तेज धावक बनना है।
विल्मा का जन्म 1939 में अमेरिका के टेनेसी राज्य के एक कस्बे में हुआ। विल्मा के पिता रुडोल्फ कुली व माँ सर्वेंट का काम करती थी। विल्मा 22 भाई – बहनों में 19 वे नंबर की थी। विल्मा बचपन से ही बेहद बीमार रहती थी, ढाई साल की उम्र में उसे पोलियो हो गया। उसे अपने पेरों को हिलाने में भी बहुत दर्द होने लगा। बेटी की ऐसी हालत देख कर, माँ ने बेटी को सँभालने के लिए अपना काम छोड़ दिया और उसका इलाज़ शुरू कराया। माँ सप्ताह में दो बार उसे, अपने कस्बे से 50 मील दूर स्तिथ हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर जाती, क्योकि वो ही सबसे नजदीकी हॉस्पिटल था जहा अश्वेतों के इलाज की सुविधा थी। बाकी के पांच दिन घर में उसका इलाज़ किया जाता। विल्मा का मनोबल बना रहे इसलिए माँ ने उसका प्रवेश एक विधालय में करा दिया। माँ उसे हमेशा अपने आपको बेहतर समझने के लिए प्रेरित करती।
पांच साल तक इलाज़ चलने के बाद विल्मा की हालत में थोडा सुधर हुआ। अब वो एक पाँव में ऊँचे ऐड़ी के जूते पहन कर खेलने लगी। डॉक्टर ने उसे बास्केट्बाल खेलने की सलाह दी। विल्मा का इलाज कर रहे डॉक्टर के. एमवे. ने कहा था की विल्मा कभी भी बिना ब्रेस के नहीं चल पाएगी। पर माँ के समर्पण और विल्मा की लगन के कारण, विल्मा ने 11 साल की उम्र में अपने ब्रेस उतारकर पहली बार बास्केट्बाल खेली।
यह उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जब यह बात डॉक्टर के. एम्वे. को पता चली तो वो उससे मिलने आये। उन्होंने उससे ब्रेस उतारकर दौड़ने को कहा। विल्मा ने फटाफट ब्रेस उतारा और चलने लगी। कुछ फीट चलने के बाद वो दौड़ी और गिर पड़ी। डॉक्टर एम्वे. उठे और किलकारी मारते हुए विल्मा के पास पहुचे। उन्होंने विल्मा को उठाकर सीने से लगाया और कहा शाबाश बेटी। मेरा कहा गलत हुआ, पर मेरी साध पूरी हुई। तुम दौडोगी, खूब दौडोगी और सबको पीछे छोड़ दौगी। विल्मा ने आगे चलकर एक इंटरव्यू में कहा था की डॉक्टर एम्वे. की उस शाबाशी ने जैसे एक चट्टान तोड़ दी और वहां से एक उर्जा की धारा बह उठी। मेनें सोच लिया की मुझे संसार की सबसे तेज धावक बनना है।
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❤WILMA RUDOLPH IN HINDI
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