write abt Abraham Lincoln (in hindi)...
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अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे. इनका कार्यकाल सन 1861 से सन 1865 तक चला. इन्होंने अमेरिका में हो रही गुलामी की प्रथा से वहां के लोगों को मुक्त कराया. उनका मानना था कि जात –पात, गोर –काले, सब एक समान है इनमें कोई भेद नहीं है. अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ. वे पहले गणतंत्रवादी थे, जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. इसके पहले वे एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक, अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिव्स के सदस्य थे. अब्राहम लिंकन ने अमेरिका की सबसे बड़ी लड़ाई में अपने साहस और हिम्मत से सफलता हासिल की. अब्राहम लिंकन ईमानदार और खुले विचारों वाले इन्सान थे, उनसे किसी का दर्द देखा नही जाता था.
cutegirl67:
thnx
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पूरा नाम – अब्राहम थॉमस लिंकन.
जन्म – 12 फरवरी, 1809.
जन्मस्थान – केंटुकी (अमेरिका).
पिता – थॉमस लिंकन.
माता – नेन्सी
शिक्षा – *निर्धनता की वजह से अधिक शिक्षा प्राप्त न कर सके. *धीरे – धीरे उन्होंने कानुन की शिक्षा प्राप्त कर वकालत पास की.
विवाह – मेरी टॉड के साथ (1842 मे).
Abraham Lincoln – अब्राहम लिंकन ने 1832 मे वकालत शुरु की. वकालत के साथ साथ उन्होंने राजकारण मे रुची लेने मे शुरवात की. 1832, 1840 मे इलिनॉईस राज्य के प्रतिनिधी स्थान पर वो चुनकर आये. आगे 1847 – 49 इस समय मे उन्होंने अमेरिकन कॉंग्रेस मे काम किया. लेकीन उसके बाद उन्होंने फिर से अमेरिकन कॉग्रेस के चुनाव मे हिस्सा नही लिया. पर नसीब को ये मंजूर नहीं था धीरे-धीरे अब्राहम लिंकन वापीस राजनीती मे खीचे चले गये. इसके पीछे दो महत्वपूर्ण घटनाये थी.एक वाड्मयीन और दुसरी राजकीय.
1840 के आसपास गुलामगिरी का समर्थन करनेवाले और गुलामगिरी का धिक्कार करनेवाले राज्य. ऐसा साफ विभाजन अमेरिका मे होने लगा था. कान्यासनेस्ब्रास्का कानून के अनुसार इन राज्यो के लोगोंको गुलाम रखनेकी छुट मिलने वाली थी. इसके वजह से अब्राहम लिंकन इनकी निंद उड गयी. इस कानुन के खिलाफ उन्होंने बहोत से भाषण किये. इसी दरम्यान लिंकन इनको खुद के सामर्थ्य का अंदाज आया और उसके बाद लिंकन इन्होंने राजनीती मे कभी भी पीछे मुडकर नहीं देखा.
1860 को हुयी राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव इस संदर्भ मे महत्त्वपूर्ण रहा. फरवरी, 1861 को मतलब अब्राहम लिंकन इन्होंने राष्ट्राध्यक्ष पद के सुत्र स्वीकार करने के ग्यारह राज्योंने संघराज्य से बाहर निकलने की घोषणा की. 8 फरवरी 1861 की अलाबामा राज्य के मॉटेगोमोरी इस जगह ‘द कॉनफिडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका’ ये स्वतंत्र संघराज्य अस्तित्व मे आनेका घोषीत किया. लिंकन इनके जैसे नव निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष के आगे इन घटनाओं से अगल ही चुनौती निर्माण हुयी.
लिंकन इन्होंने 1 जनवरी 1863 को एक हुकुम व्दारा गुलामगिरी नष्ट की और दो साल बाद मतलब 31 जनवरी 1865 को तेरावी घटना ठिक करके इस आदेश को घटना मे स्थान दिया.यादवी जंग का अब्राहम लिंकन के तरफ झुक रहा था और उनका समय 1864 मे खतम होने वाला था. उन्होंने फिरसे चुनाव लढवाने की का निर्णय लिया और वो 8 नवंबर 1865 को आसानी से चुनकर आये. तब तक यादवी जंग आखरी मोड पर आ चुकी थी.
4 मार्च 1865 को अब्राहम लिंकन इनका दुसरी बार शपथ समारोह हुवा. शपथ समारोह होने के बाद लिंकन इन्होंने किया होवा भाषण बहोत मशहूर हुवा. उस भाषण से बहोत लोगोके आख मे आसु आ गये. 9 अप्रैल 1865 को बंडखोर के सैन्य का जनरल ली इसने शरण आकर यादवी जंग खतम किया. फिर भी दक्षिण राज्यो के युवकों के मन मे लिंकन इनके लिये गुस्सा था. 14 अप्रैल 1865 को वॉशिंग्टन के एक नाट्यशाला मे नाटक देख रहे थे तभी ज़ॉन विल्किज बुथ नाम के युवक ने उनको गोली मारी. इस घटना के बाद दुसरे दिन मतलब 15 अप्रैल के सुबह अब्राहम लिंकन / Abraham Lincoln की मौत हुयी.
अब्राहम लिंकन संयुक्त राज्य अमेरिका के ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने देश और समाज की भलाई के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया.
मृत्यु – 15 अप्रैल 1865 को उनकी मौत हुयी.
जन्म – 12 फरवरी, 1809.
जन्मस्थान – केंटुकी (अमेरिका).
पिता – थॉमस लिंकन.
माता – नेन्सी
शिक्षा – *निर्धनता की वजह से अधिक शिक्षा प्राप्त न कर सके. *धीरे – धीरे उन्होंने कानुन की शिक्षा प्राप्त कर वकालत पास की.
विवाह – मेरी टॉड के साथ (1842 मे).
Abraham Lincoln – अब्राहम लिंकन ने 1832 मे वकालत शुरु की. वकालत के साथ साथ उन्होंने राजकारण मे रुची लेने मे शुरवात की. 1832, 1840 मे इलिनॉईस राज्य के प्रतिनिधी स्थान पर वो चुनकर आये. आगे 1847 – 49 इस समय मे उन्होंने अमेरिकन कॉंग्रेस मे काम किया. लेकीन उसके बाद उन्होंने फिर से अमेरिकन कॉग्रेस के चुनाव मे हिस्सा नही लिया. पर नसीब को ये मंजूर नहीं था धीरे-धीरे अब्राहम लिंकन वापीस राजनीती मे खीचे चले गये. इसके पीछे दो महत्वपूर्ण घटनाये थी.एक वाड्मयीन और दुसरी राजकीय.
1840 के आसपास गुलामगिरी का समर्थन करनेवाले और गुलामगिरी का धिक्कार करनेवाले राज्य. ऐसा साफ विभाजन अमेरिका मे होने लगा था. कान्यासनेस्ब्रास्का कानून के अनुसार इन राज्यो के लोगोंको गुलाम रखनेकी छुट मिलने वाली थी. इसके वजह से अब्राहम लिंकन इनकी निंद उड गयी. इस कानुन के खिलाफ उन्होंने बहोत से भाषण किये. इसी दरम्यान लिंकन इनको खुद के सामर्थ्य का अंदाज आया और उसके बाद लिंकन इन्होंने राजनीती मे कभी भी पीछे मुडकर नहीं देखा.
1860 को हुयी राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव इस संदर्भ मे महत्त्वपूर्ण रहा. फरवरी, 1861 को मतलब अब्राहम लिंकन इन्होंने राष्ट्राध्यक्ष पद के सुत्र स्वीकार करने के ग्यारह राज्योंने संघराज्य से बाहर निकलने की घोषणा की. 8 फरवरी 1861 की अलाबामा राज्य के मॉटेगोमोरी इस जगह ‘द कॉनफिडरेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका’ ये स्वतंत्र संघराज्य अस्तित्व मे आनेका घोषीत किया. लिंकन इनके जैसे नव निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष के आगे इन घटनाओं से अगल ही चुनौती निर्माण हुयी.
लिंकन इन्होंने 1 जनवरी 1863 को एक हुकुम व्दारा गुलामगिरी नष्ट की और दो साल बाद मतलब 31 जनवरी 1865 को तेरावी घटना ठिक करके इस आदेश को घटना मे स्थान दिया.यादवी जंग का अब्राहम लिंकन के तरफ झुक रहा था और उनका समय 1864 मे खतम होने वाला था. उन्होंने फिरसे चुनाव लढवाने की का निर्णय लिया और वो 8 नवंबर 1865 को आसानी से चुनकर आये. तब तक यादवी जंग आखरी मोड पर आ चुकी थी.
4 मार्च 1865 को अब्राहम लिंकन इनका दुसरी बार शपथ समारोह हुवा. शपथ समारोह होने के बाद लिंकन इन्होंने किया होवा भाषण बहोत मशहूर हुवा. उस भाषण से बहोत लोगोके आख मे आसु आ गये. 9 अप्रैल 1865 को बंडखोर के सैन्य का जनरल ली इसने शरण आकर यादवी जंग खतम किया. फिर भी दक्षिण राज्यो के युवकों के मन मे लिंकन इनके लिये गुस्सा था. 14 अप्रैल 1865 को वॉशिंग्टन के एक नाट्यशाला मे नाटक देख रहे थे तभी ज़ॉन विल्किज बुथ नाम के युवक ने उनको गोली मारी. इस घटना के बाद दुसरे दिन मतलब 15 अप्रैल के सुबह अब्राहम लिंकन / Abraham Lincoln की मौत हुयी.
अब्राहम लिंकन संयुक्त राज्य अमेरिका के ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने देश और समाज की भलाई के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया.
मृत्यु – 15 अप्रैल 1865 को उनकी मौत हुयी.
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