Hindi, asked by shauryaindia05, 8 months ago

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कोरोना काल में इंटरनेट

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Answered by Anonymous
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कोरोना महामारी के दौरान इंटरनेट कई लोगों के लिए लाइफ़लाइन बन गया है. करोड़ों लोगों को घर से काम करने, मेडिकल सेवाएं लेने और एक दूसरे से जुड़े रहने का एकमात्र ज़रिया इंटरनेट ही रह गया है. कोरोना वायरस ने इंटरनेट पर हमारी निर्भरता को उजागर तो किया ही है, इसे मानवाधिकार की तरह देखे जाने वाले अभियान को भी प्रोत्साहन दिया है.  

लेकिन कई लोगों के पास हाई स्पीड ब्रॉडबैंड या तो उपलब्ध नहीं है या उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो एक कनेक्शन ले सकें.  

इंटरनेट के लिए छत पर जाने को मजबूर छात्र  

केरल की रहने वालीं 20 साल की छात्रा नमिता नारायण फ़ोन और इंटरनेट की ख़राब कनेक्टिविटी से परेशान थीं. उनके मुताबिक, "मैंने अपने घर के आसपास और पड़ोस में कई जगहों पर इंटरनेट इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन कहीं भी अच्छा सिगनल नहीं मिला.  

नमिता आगे बताती हैं, "जब भी कोई फ़ोन आता था, बात करने के लिए घर के बाहर भागना पड़ता था."

नमिता के गांव में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है. उन्होंने अलग-अलग सर्विस प्रोवाइडर के मोबाइल कनेक्शन लिए लेकिन किसी में भी स्पीड नहीं मिली. लॉकडाउन में पहले से ज़्यादा लोग फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए सर्विस बदतर हुई है.

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