Write an attractive speech on the topic pollution
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पूरे संसार में प्रदूषण एक बड़ा ही समस्यापूर्ण विषय बन गया है। यह मनुष्यों और अन्य सजीवों के जीवन को बहुत बड़े स्तर पर प्रभावित कर रहा है। इसने एक शक्तिशाली दानव का रुप ले लिया है, जो प्रकृतिक वातावरण को तेजी से नष्ट कर रहा है। हम यहाँ स्कूल में आयोजित किसी भी कार्यक्रम में भाषण बोलने में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विद्यार्थियों के लिए प्रदूषण पर भाषण उपलब्ध करा रहे हैं। यहाँ उपलब्ध सभी भाषण सरल और आसान शब्दों का प्रयोग करके छोटे-छोटे वाक्यों के रुप में लिखे गए हैं। इसलिए, आप किसी भी प्रदूषण पर भाषण को अपनी आवश्यकता और जरुरत के अनुसार चुन सकते हैं:
प्रदूषण पर भाषण
प्रदूषण पर भाषण 1
सभी के लिए सुप्रभात। मेरा नाम......हैं और मैं कक्षा...में पढ़ता/पढ़ती हूँ। इस अवसर पर मैं प्रदूषण पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। मेरे प्यारे मित्रों, प्रदूषण वातावरण और मानव के जीवन को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी चुनौती है। यह आज पूरे विश्व के लोगों द्वारा सामना किया जाने वाला पर्यावरणीय विषय है। अलग-अलग स्रोतों से विभिन्न खतरनाक और विषैले पदार्थ वातावरण में मिलकर विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों जैसे: जल, मृदा, वायु, भूमि, ध्वनि, और ऊष्मीय प्रदूषण आदि का कारण बन रहे हैं। उद्योगों और कारखानों से निकलने वाला धुआं और विषाक्त धूल हवा में मिल जाती है, जो वायु प्रदूषण का कारण बनती है। इस तरह की प्रदूषित वायु फेंफड़ों के लिए बुरी होती है। उद्योगों और कारखानों का प्रवाहित मल और अन्य अवशिष्टों को सीधे पानी के बड़े स्रोतों (नदी, झील, समुद्र, आदि) में प्रत्यक्ष रुप से प्रवाहित किया जाता है और वो पीने योग्य पानी में भी इसी प्रकार मिश्रित हो जाता है। इस तरह का प्रदूषित पानी (रोगाणु, बैक्टीरिया, जहरीले पदार्थ, वायरस, आदि को धारण किया हुआ) मनुष्यों, पशुओं, पौधों और जलीय जीवों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।
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प्रदूषण पर भाषण
प्रदूषण पर भाषण 1
सभी के लिए सुप्रभात। मेरा नाम......हैं और मैं कक्षा...में पढ़ता/पढ़ती हूँ। इस अवसर पर मैं प्रदूषण पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। मेरे प्यारे मित्रों, प्रदूषण वातावरण और मानव के जीवन को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी चुनौती है। यह आज पूरे विश्व के लोगों द्वारा सामना किया जाने वाला पर्यावरणीय विषय है। अलग-अलग स्रोतों से विभिन्न खतरनाक और विषैले पदार्थ वातावरण में मिलकर विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों जैसे: जल, मृदा, वायु, भूमि, ध्वनि, और ऊष्मीय प्रदूषण आदि का कारण बन रहे हैं। उद्योगों और कारखानों से निकलने वाला धुआं और विषाक्त धूल हवा में मिल जाती है, जो वायु प्रदूषण का कारण बनती है। इस तरह की प्रदूषित वायु फेंफड़ों के लिए बुरी होती है। उद्योगों और कारखानों का प्रवाहित मल और अन्य अवशिष्टों को सीधे पानी के बड़े स्रोतों (नदी, झील, समुद्र, आदि) में प्रत्यक्ष रुप से प्रवाहित किया जाता है और वो पीने योग्य पानी में भी इसी प्रकार मिश्रित हो जाता है। इस तरह का प्रदूषित पानी (रोगाणु, बैक्टीरिया, जहरीले पदार्थ, वायरस, आदि को धारण किया हुआ) मनुष्यों, पशुओं, पौधों और जलीय जीवों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।
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