write an essay in about 100-150 words on बाज़ार की सैर
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बाजार हमारा निकटवर्ती सार्वजनिक स्थान है । यह हमारे पड़ोस में स्थित व्यापार का एक प्रमुख केन्द्र होता है । यहाँ व्यापारियों और ग्राहकों का जमावड़ा होता है । यहाँ से लोग अपने दैनिक जीवन की उपयोगी वस्तुएँ खरीदते हैं । बाजार लोगों की आवश्यकता की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
बाजार शहरों, कस्बों और गाँवों में भी होते हैं । शहरों में स्थायी बाजार होते हैं । यहाँ साप्ताहिक बाजार भी लगते हैं । कस्बों और गाँवों के बाजार प्राय: अस्थायी होते
हैं । यहाँ के बाजार सप्ताह में एक या दो दिन लगा करते हैं । यहाँ अपराह्न लगने वाले बाजार सायंकाल तक समाप्त हो जाते हैं । शहरों के स्थायी बाजार सुबह से शाम तक सप्ताह के छह दिनों तक खुले होते हैं । ये बाजार सजे- धजे तथा सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं से सज्जित होते हैं । यदि महानगरों के बाजार देखें तो यहाँ और भी रौनक रहती है । इनकी सजावट देखते ही बनती है
Answer:
ek din me mere ma ke sath bajar ko gayi.muze to kuch samjme nahi ara raha tha.par ma matr sabji, fal vagar lai rahi thi.tabhi muze ek chotas ladka sabji bechte dika .mai kabse dhek rahi thi use par uski sabji koi lehi nahi raha tha .muze uspe bhut daya ayi mene ma ko kaha "ma dheko na wo ladka kabse sabji bhech raha hai". "ma boli are ha . such kah rhi ho tum chali uske pas chalte hai".aur me or ma uske pas gaye.ir hamne sabji li.wi bchh bhuthi khush hoa.