Write an essay in Bengali on 'আমার প্রিয় কবি'(250 words) Class 7 standard
Points-
1)Introduction
2)Who is my prio kobi
3)Why he/she is my prio kobi
4)Conclusion
Plz help very urgent.........
Answers
Answer:
मानव बड़ा है अथवा समाज ? यह प्रश्न प्राचीन काल से ही विद्वानों के समक्ष विचारणीय रहा है। कुछ विद्वान् समाज की अपेक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व पर बल देते हैं, को कुछ समाज के हित के समक्ष व्यक्ति को बिलकुल महत्वहीन मानते हुए उसे समाज की उन्नति के लिए बलिदान तक कर देने के पक्ष में हैं। इस वाद-विवाद के आधार पर की शिक्षा के व्यैक्तिक तथा सामाजिक उद्देश्यों का सर्जन हुआ है। शिक्षा सम्बन्धी सभी उदेश्य प्राय: इन्ही दोनों उद्देश्यों में से किसी एक उदेश्य के पक्ष में बल देते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि शिक्षा के इन दोनों उद्देशों में समन्वय स्थापित किया जा सकता है अथवा नहीं ? यदि अन्तर केवल बल देने का ही तो इन दोनों उद्देश्यों के बीच समन्वय स्थापित करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। परन्तु इसके लिए हमें निष्पक्ष रूप से इन दोनों उद्देश्यों के संकुचित तथा व्यापक रूपों का अलग-अलग अध्ययन करके यह देखन होगा कि इन दोनों उद्देश्यों में कोई वास्तविकता विरोध है अथवा केवल बल देने का अन्तर है। निम्नलिखित पक्तियों में हम शिक्षा के इन दोनों उद्देश्यों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाल रहे हैं।
व्यैक्तिक उदेश्य का अर्थ
शिक्षा का व्यैक्तिक उद्देश्य एक प्राचीन उद्देश्य है। इस उद्देश्य के सार्थक समाज की अपेक्षा व्यक्ति को बड़ा मानते हैं। उसका विश्वास है कि व्यक्तियों के बिना समाज कोरी कल्पना है। व्यक्तियों ने ही मिलकर अपने हितों की रक्षा करने के लिए समाज की रचना की है तथा समय-समय पर संस्कृति, सभ्यता एवं विज्ञान के क्षेत्रों में भी अपना-अपना योगदान दिया है। इस योगदान के फलस्वरूप ही सामाजिक प्रगति का