Write an essay in hindi on the topic prakriti hamari sacchi mitra about one and a half page.
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दुनिया में कहीं भी रह रहे दो या दो से अधिक लोगों के बीच दोस्ती एक भरोसेमंद और निष्ठावान रिश्ता है। हम अपनी पूरी जिन्दगी अकेले नहीं जी सकते और खुशी से जीने के लिये किसी भरोसेमंद साथी की ज़रुरत है जिसे दोस्त कहते हैं। दोस्ती एक अन्तरंग रिश्ता होता है जिसपर हमेशा के लिये भरोसा किया जा सकता है। ये उम्र, लिंग और व्यक्ति के पद पर सीमित नहीं होता अर्थात् मित्रता किसी भी आयु वर्ग के पुरुष की पुरुष से, महिला की महिला से या इंसान की जानवर के बीच हो सकती है।
हालांकि, आमतौर पर ये एक आयु वर्ग के व्यक्तियों के बीच में बिना किसी लिंग और पद के भेदभाव के संभव है। मित्रता एक या अलग जुनून, भावना या विचार के व्यक्तियों के साथ विकसित हो सकती है
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hey here is your answer
'पर्यावरण' प्रकृति की ही देन है। पर्यावरण पृथ्वी के चारों ओर के वातावरण को कहा जाता है। हमारे जीने के लिए आवश्यक तत्वों को बनाए रखने के लिए उसने समस्त बातों का ध्यान रखा है। इस तरह प्रकृति हमारी हर छोटी-बड़ी आवश्कताओं को पूरा करती है। प्रकृति इस बात का ध्यान भी रखती है कि पृथ्वी पर हो रही हर छोटी बड़ी प्रक्रिया में संतुलन बना रहे। यदि प्रकृति के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका परिणाम हमें पर्यावरण में साफ़ तौर पर दिखाई देता है। प्राचीनकाल का पर्यावरण बहुत साफ़ और शुद्ध था। इसका कारण यह था कि उस समय मनुष्य आधुनिक नहीं हुआ था। वह प्रकृति के साथ तालमेल बिठाए हुए था। तवह सदैव हमारे लिए मित्र के समान रही है। लोगों को प्रकृति का सान्निध्य प्राप्त था और वह उसका सान्निध्य पाकर प्रसन्न थे।
hope it helped u can ask if any doubts
'पर्यावरण' प्रकृति की ही देन है। पर्यावरण पृथ्वी के चारों ओर के वातावरण को कहा जाता है। हमारे जीने के लिए आवश्यक तत्वों को बनाए रखने के लिए उसने समस्त बातों का ध्यान रखा है। इस तरह प्रकृति हमारी हर छोटी-बड़ी आवश्कताओं को पूरा करती है। प्रकृति इस बात का ध्यान भी रखती है कि पृथ्वी पर हो रही हर छोटी बड़ी प्रक्रिया में संतुलन बना रहे। यदि प्रकृति के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका परिणाम हमें पर्यावरण में साफ़ तौर पर दिखाई देता है। प्राचीनकाल का पर्यावरण बहुत साफ़ और शुद्ध था। इसका कारण यह था कि उस समय मनुष्य आधुनिक नहीं हुआ था। वह प्रकृति के साथ तालमेल बिठाए हुए था। तवह सदैव हमारे लिए मित्र के समान रही है। लोगों को प्रकृति का सान्निध्य प्राप्त था और वह उसका सान्निध्य पाकर प्रसन्न थे।
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