• Write an essay on Chacha Nehru in urdu
Answers
Explanation:
पं० जवाहरलाल नेहरु का जन्म एक अमीर घराने में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर प्राप्त की। वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वहाँ से लौटकर वह बैरिस्टर हो गए लेकिन उन्होंने वकालत नहीं की।
वह अपने देश को आज़ाद कराना चाहते थे। उनमें देश-भक्ति कूट-कूट कर भरी थी। वह महात्मा गाँधी के संपर्क में आये। उनके जीवन में एक महान परिवर्तन हुआ। वह स्वतंत्रता-संग्राम में कूद पड़े। उन्हें अनेक यातनाएं सहनी पड़ी। कई बार उनको जेल भेजा गया।
सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। नेहरूजी को प्रथम प्रधानमन्त्री चुना गया। उन्होंने देश की गरीबी को दूर करने का प्रयत्न किया। वह भारत में समाजवाद का स्वप्न देखते थे। वे अपना सारा समय देश की समस्याओं को सुलझाने में व्यतीत करते थे। अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए सभी राष्ट्र उनकी ओर देखते थे।
उन्होंने संसार में शांति स्थापित करने का प्रयास किया। सारा संसार उनका सम्मान करता था। वह शांति के दूत कहे जाते थे। वह बच्चों को बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरु' कहते थे। उनके जन्मदिन 14 नवम्बर को 'बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 27 मई 1964 को उनका देहांत हो गया। सारा संसार शोक में डूब गया।
IN URDU :
جواہر لال نہرو موٹلیل نہو کا نامزد وکیل کا بیٹا تھا. جواہر لال نیرو نے 18 نومبر کو بھارت کے الہ آباد آباد میں سال 1889 میں جنم لیا تھا. بعد میں آزاد بھارت کے پہلے وزیراعظم بننے کے لئے انہیں برکت دی گئی. ان کا خاندان بہت بااثر سیاسی خاندان تھا جہاں وہ اپنے ابتدائی مطالعہ میں تھے اور ہاروو سکول اور تثلیث کالج، کیمبرج اعلی مطالعہ کے لئے انگلینڈ گئے اور ایک مشہور وکیل کے طور پر بھارت واپس آ گئے. اس کے والد ایک وکیل تھے تاہم یہ بھی ایک اہم لیڈر کے طور پر نیشنلسٹ موومنٹ میں دلچسپی رکھتے تھے. پنڈت جوہرال لال نہرو مہاتما گاندھی کے ساتھ ملک کی آزادانہ تحریک میں شمولیت اختیار کی اور کئی بار جیل گئے. ان کی مشکلات نے انہیں پہلی بھارتی وزیر اعظم بننے اور ملک کے حوالے سے تمام ذمہ داریوں کو سمجھنے کے قابل بنایا. اس نے 1916 میں کاملا کلام سے شادی کی اور 1 917 میں انڈیرا نامی ایک چھوٹی چھوٹی لڑکی کا باپ بن گیا.
بھارتی نیشنل کانگریس کے اجلاس میں انہوں نے 1916 میں مہاتما گاندھی سے ملاقات کی. جیلانلا باغ کے قتل عام کی تقریب کے بعد انہوں نے برطانویوں کے ساتھ جنگ لڑنے کا وعدہ کیا تھا. ان کے کاموں کے لئے تنقید کرنے کے بعد بھی، وہ آزادی کی جدوجہد کے سب سے زیادہ مؤثر رہنماؤں میں سے ایک بن گیا. وہ 1947 سے 1 9 64 تک بھارت کا سب سے طویل اور سب سے پہلے وزیر اعظم کی خدمت کر رہا تھا. اس کے عظیم کاموں کے ساتھ ملک کی خدمت کرنے کے بعد، اس کی وجہ سے اسٹروک مسئلہ کی وجہ سے مئی 1 964 میں 2764 میں انتقال ہوا. وہ مصنف اور مصنف بھی مشہور مشہور کتابیں تھے، بشمول اس کی آبی بذریعہ تھورڈ فری آزادی (1941).