write an essay on cow in hindi
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भारत में हिन्दू धर्म के लोग गाय को "गाय हमारी माता है" के रूप में पूजते है। यह बहोत ही उपयोगी घरेलू जानवर है। यह हमें दूध देती है जो की बहुत फायदेमंद और पौष्टिक होता है| यह दुनिया के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। गाय का दूध परिवार के सभी सदस्यों के लिए बहुत ही फायदेमंद, पौष्टिक और उपयोगी है। हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए रोज गाय का दूध पीते हैं। डॉक्टर मरीजों को हमेशा गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं| गाय का दूध नवजात शिशुओं के लिए अच्छा व आसानी से पांच जाने वाला भोजन है| यह स्वभाव से बहुत ही सीधा जानवर होता है। इसका शरीर बड़ा, चार पैर, एक लंबी पूंछ, दो सींग, दो कान, एक मुंह, एक बड़ी नाक और एक सिर होता है।
गाय भिन्न भिन्न आकार व रंग रूप के होते हैं| यह भोजन, अनाज, हरी घास, चारा और अन्य खाद्य चीजें खाती है। गाय खेतों में हरी घास खाना ज्यादा पसंद करती है। दुनिया भर में गाय का दूध खाने की कई चीजो को बनाने में प्रयोग की जाती है। हम गाय की दूध से दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन, मिठाई, खोया, पनीर और कई सारी चीज़ें बना सकते हैं। गाय का दूध आसानी से पच जाता है और पाचन विकार के रोगियों के लिए एक उपयोगी चीज है। गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बनाता है। यह हमें संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है| यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यदि हम इसका सेवन नियमित रूप से करे तो हमारा दिमाग तेज और याददास्त मजबूत होगी|
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250 words essay
hope it helped you
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thank you
गाय भिन्न भिन्न आकार व रंग रूप के होते हैं| यह भोजन, अनाज, हरी घास, चारा और अन्य खाद्य चीजें खाती है। गाय खेतों में हरी घास खाना ज्यादा पसंद करती है। दुनिया भर में गाय का दूध खाने की कई चीजो को बनाने में प्रयोग की जाती है। हम गाय की दूध से दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन, मिठाई, खोया, पनीर और कई सारी चीज़ें बना सकते हैं। गाय का दूध आसानी से पच जाता है और पाचन विकार के रोगियों के लिए एक उपयोगी चीज है। गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बनाता है। यह हमें संक्रमण और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है| यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यदि हम इसका सेवन नियमित रूप से करे तो हमारा दिमाग तेज और याददास्त मजबूत होगी|
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गाय के दूध को अमृत माना गया है। भारत में गाय को एक पवित्र पशु माना गया है। भारत में करोड़ों हिंदु गाय की पूजा करते हैं। गाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानव जाति को बहुत कुछ देती है बदले में कुछ नहीं मांगती। कई परिवार गाय के दूध व घी को बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं।
धार्मिक महत्व : हिंदुओं के तीज-त्योहार बिना गौ के घी के पूरे नहीं होते। तीज त्योहार के दिन घर को गौ के गोबर से ही लीपा जाता है। उस पर देवताओं की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है। कई लोग किसी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन को बड़ा शुभ मानते हैं। वहीं गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। गाय के अमृत जैसे दूध देने व अन्य गुणों के चलते इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौ माता कहा जाता है।
इसके अलावा गांवों में गाय के गोबर से बने कंडे का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है। यह बहुत दुख की बात है कि प्रोद्योगिकी के विकास के साथ हम गाय की महत्ता को भूलते जा रहे हैं। भगवान कृष्ण की जिंदगी में भी गाय का बड़ा महत्व रहा है। कृष्ण का बचपन ग्वालों के बीच बीता। उन्हें लोग गोविंदा व गोपाल कहके बुलाते थे जिसका मतलब होता है गायों का रक्षक व दोस्त।
गाय का दूध बच्चों एवं रोगियों के लिए बहु-उपयोगी होता है। गाय स्वभाव से शांत होती है। गाय का बहुत बड़ा शरीर होता है। इसके चार पैर, दो सींग और एक लंबी पूंछ होती है। इसके दो कान होते हैं। भारत में लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय की पूंछ के निचले हिस्से में ढेर सारे बाल होते हैं। जो कई रंग के होते हैं जिनमें लाल रंग के साथ काले,भूरे और सफेद रंग के बाल होते हैं। गाय के जबड़े के नीचे हिस्से में बस दांत होते हैं। उसके पैर के खुर अलग-अलग होते हैं।
गाय कई प्रकार की होती हैं। रंग के आधार पर भी गायों के अनेक प्रकार हैं। कुछ काली होती है तो कुछ सफेद वहीं कुछ गाय लाल एवं मिश्रित रंगों की होती है। गाय विश्व के लगभग हर देश में पाई जाती है। हर देश में गाय आकार एवं लंबाई-चौड़ाई के आधार पर अलग-अलग होती हैं।
जंगली गाय जंगल में रहती हैं। गाय घास व पेड़ों की पत्तियां खाती है। वह एक समय में एक बछड़े या बछड़ी को जन्म देती है। वह अपने बछड़े को बहुत प्यार करती है। गाय बैठकर अपने मुंह से जुगाली भी करती है। गाय दूध देती है जिससे दही,पनीर,मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। हमें ऐसे प्यारे अच्छे पशु का ख्याल रखना चाहिए।
धार्मिक महत्व : हिंदुओं के तीज-त्योहार बिना गौ के घी के पूरे नहीं होते। तीज त्योहार के दिन घर को गौ के गोबर से ही लीपा जाता है। उस पर देवताओं की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है। कई लोग किसी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन को बड़ा शुभ मानते हैं। वहीं गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना गया है। गाय के अमृत जैसे दूध देने व अन्य गुणों के चलते इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसीलिए गाय को गौ माता कहा जाता है।
इसके अलावा गांवों में गाय के गोबर से बने कंडे का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है। यह बहुत दुख की बात है कि प्रोद्योगिकी के विकास के साथ हम गाय की महत्ता को भूलते जा रहे हैं। भगवान कृष्ण की जिंदगी में भी गाय का बड़ा महत्व रहा है। कृष्ण का बचपन ग्वालों के बीच बीता। उन्हें लोग गोविंदा व गोपाल कहके बुलाते थे जिसका मतलब होता है गायों का रक्षक व दोस्त।
गाय का दूध बच्चों एवं रोगियों के लिए बहु-उपयोगी होता है। गाय स्वभाव से शांत होती है। गाय का बहुत बड़ा शरीर होता है। इसके चार पैर, दो सींग और एक लंबी पूंछ होती है। इसके दो कान होते हैं। भारत में लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय की पूंछ के निचले हिस्से में ढेर सारे बाल होते हैं। जो कई रंग के होते हैं जिनमें लाल रंग के साथ काले,भूरे और सफेद रंग के बाल होते हैं। गाय के जबड़े के नीचे हिस्से में बस दांत होते हैं। उसके पैर के खुर अलग-अलग होते हैं।
गाय कई प्रकार की होती हैं। रंग के आधार पर भी गायों के अनेक प्रकार हैं। कुछ काली होती है तो कुछ सफेद वहीं कुछ गाय लाल एवं मिश्रित रंगों की होती है। गाय विश्व के लगभग हर देश में पाई जाती है। हर देश में गाय आकार एवं लंबाई-चौड़ाई के आधार पर अलग-अलग होती हैं।
जंगली गाय जंगल में रहती हैं। गाय घास व पेड़ों की पत्तियां खाती है। वह एक समय में एक बछड़े या बछड़ी को जन्म देती है। वह अपने बछड़े को बहुत प्यार करती है। गाय बैठकर अपने मुंह से जुगाली भी करती है। गाय दूध देती है जिससे दही,पनीर,मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। हमें ऐसे प्यारे अच्छे पशु का ख्याल रखना चाहिए।
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