write an essay on doodh ka gilas aur maa ki dant in hindi
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दूध एक अच्छा पेय पदार्थ है । यह हमारे खाने का एक आवश्यक भाग है । डाक्टर भी सलाह देते हैं कि सुबह और शाम को एक गिलास दूध का अवश्य सेवन करना चाहिए । गाय, बकरी, भैंस, स्त्री, हस्तिनी, घोड़ी, ऊँटनी और भेड़ इन आठों का दूध उपयोगी माना जाता है ।
दूध पालन-पोषण करने वाला पदार्थ है । यह बच्चों, बूढ़ों और स्त्रियों के स्वास्थ्य के लिए लाभकर है । एक गिलास दूध से हमारे शरीर को प्रोटीन और खनिज मिलता है । योगाभ्यास करने वालों को भी प्रतिदिन एक गिलास दूध लेना चाहिए ।
दूध पीने से शरीर की लम्बाई और शक्ति बढ़ती है । छोटे बच्चें को दूध प्रतिदिन देना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हितकर तो है ही साथ ही हड्डियों को भी मजबूत बनाता है । शरीर के अन्दर के कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता देता है । मुख को कान्तिमय बनाता है।
दूध का हम विभिन्न प्रकार से प्रयोग करते हैं । दूध को चावलों में डालकर खीर बनाते हैं । दूध को नींबू से फाड़कर पनीर बनाते हैं, जिसकी सब्जी बनाई जाती है । दूध की आइसक्रीम बनती है, जिसे बच्चे और बड़े सभी चाव से खाते हैं । दूध से मेंगो शेक, कुल्फी, गाजर का हलुआ आदि बनाया जाता है ।
दूध में खट्टा लगाकर दही जमाया जाता है । जिससे तरह-तरह से रायते जैसे-लौकी का रायता, खीरे का रायता और बूंदी का रायता बनता है । भल्लों में दही मिलाकर दही- भल्ले बाजारों में बिकते हैं जिसे औरतें विशेष चाव से खाती हैं । दही की लस्सी और मट्ठा भी बनता है । दूध से दही, दही से लस्सी ज्यादा फायदा करती है ।
आधुनिक समय में दूध प्लास्टिक की थैलियों में मिलता है । विाभिन्न डेरियों की दूध की थैलियां आजकल बाजार में मिलती हैं । जैसे- नानक दूध, पारस दूध, पराग दूध, मदर डेरी का दूध और दिल्ली दुग्ध योजना का दूध ।
इससे पहले दूध कांच की शीशियों में मिलता था । विभिन्न डेरियाँ दूध को इकट्ठा करके उन्हें भिन्न-भित्र जगहों पर भेजती है । वहाँ लोहे के टैंक में दूध को इकट्ठा करके जनता में वितरित किया जाता है । दूध को सदैव गर्म करके पीना चाहिए, इससे दूध के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं कुछ लोग दूध कच्चा भी पी जाते हैं ।