History, asked by coralsoap, 1 year ago

write an essay on Dusshera in hindi.... please answer fast....

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Answered by udbhav20
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यह पर्व पूरे भारत देश में मनाया जाता है। दशहरा को लोग विजयादशमी के नाम से भी जानते है, इसे पूरे भारत के लोग जबरदस्त उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। ये भारत के प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी। लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है।कुछ लोग का यह मानना है की माँ दुर्गा ने महिषासुर से लगातार नौ दिनों तक युद्ध करके दशहरे के दिन ही महिषासुर का वध किया। विजयादशमी भगवान राम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा यानी माँ दुर्गा का महिषासुर पर विजय के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति पूजा का पर्व है।

coralsoap: thanks brother
udbhav20: ok
coralsoap: kk
Answered by komalshukla170
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प्रस्तावना


पूरे देश में मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है दशहरा। ये हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में दीपावली के पर्व से 20 दिन पहले आता है। लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को दिखाता है दशहरा। भगवान राम सच्चाई के प्रतीक है और रावण बुराई की शक्ति का। देवी दुर्गा के पूजा के साथ हिन्दू लोगों के द्वारा ये महान धार्मिक उत्सव और दस्तूर मनाया जाता है। इस पर्व को पूरे देश में मनाने की परंपरा और संस्कार क्षेत्र दर क्षेत्र अलग-अलग है। ये पर्व बच्चों के मन में काफी खुशियां लाता है।


दशहरा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:


कहा जाता है कि अगर रावण का वध भगवान राम ने नहीं किया होता तो सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो जाता।

दशहरा का महत्व इस रूप में भी होता कि मां दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर राक्षस का वध किया था।

महिषासुर असुरों को राजा था, जो लोगों पर अत्याचार करता था, उसके अत्याचारों को देखकर भगवान ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश ने शक्ति (माँ दुर्गा) का निर्माण किया, महिषासुर और शक्‍ति (माँ दुर्गा) के बीच 10 दिनों तक युद्ध हुआ और आखिरकार मां ने 10 वें दिन विजय हासिल कर ली।

ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने मायके आती हैं और उनकी विदाई हेतु लोग नवरात्र के दसवें दिन उन्हें पानी में विसर्जित करते हैं।

एक मान्यता यह भी है कि श्री राम ने रावण के दसों सिर यानी दस बुराइयाँ को ख़त्म किया जो हमारे अंदर, पाप, काम, क्रोध, मोह, लोभ, घमंड, स्वार्थ, जलन, अहंकार, अमानवता और अन्‍याय के रूप में विराजमान है।

ऐसा लोगों का मानना है की मैसूर के राजा के द्वारा 17वीं शताब्दी में मैसूर में दशहरा मनाई गयी थी।

मलेशिया में दशहरा पर राष्ट्रीय अवकाश होता है, यह त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।

दशहरा भगवान राम और माता दुर्गा दोनों का महत्व दर्शाता है. रावण को हराने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी और आर्शीवाद के रूप में मां ने रावण को मारने का रहस्‍य बताया था।

रामलीला मंचन


हर तरफ जगमगाती रोशनी और पटाखों की शोर से गूँजता माहौल। बच्चे और बाकी सभी लोग रामलीला को पूरी रात देखते है। रामलीला मंचन के द्वारा वास्तविक लोग रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते है। हजारों की संख्या में आदमी, औरत और बच्चे रामलीला मैदान में अपने पास के क्षेत्रों से इस उत्सव का आनन्द उठाते है। राम, सीता और लक्ष्मण के किरदार के लिये वास्तविक कलाकार होते है वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के कागज के पुतले बनाये जाते है।


निष्कर्ष


विजयादशमी एक ऐसा पर्व है, जिसे लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित और लोगों के मन में नई चाह और सात्विक ऊर्जा भी ले आता है। भगवान राम ने कैसे बुराई का अंत कर रावण पर विजय प्राप्त की। और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन पकवान आदि सबके घरों में बनाये जाते है।



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