write an essay on Ganpati festival during covid 19 pandemic in hindi
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हम उस देश में रहते हैं जहाँ त्यौहारों का और हमारा बहुत गहरा नाता है। यहाँ पर प्रतिदिन ही कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। पहली बात तो ये कि यहाँ विभिन्न संस्कृतियों का संगम देखने को मिलेगा आपको जिसके कारण आये दिन कोई न कोई त्यौहार होता है। लेकिन इन में से हमारे कुछ त्यौहार जैसे होली, रक्षाबंधन, दिवाली, ईद, क्रिसमस आदि ऐसे हैं जिन्हे हम सब देशवासी साथ मिल कर मनाते हैं। ऐसे ही त्यौहारों में से एक है गणेश चतुर्थी जिसे हम बहुत हर्षोल्लास के साथ बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं।
Ganesh Chaturthi का त्यौहार भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार करीब 11 दिन तक चलता है। वैसे तो गणेश चतुर्थी पूरे देश में मनायी जाती है लेकिन पश्चिमी भारत में इसकी रौनक देखने वाली होती है। उनमे से खासकर मुंबई में, जहाँ इस दौरान देश भर के लोगो का ही नहीं अपितु विदेश तक के लोगो का ताता लगा रहता है।
इस साल Ganesh Chaturthi 2020 का आयोजन 22 अगस्त 2020 को किया जा रहा है। लोग गणेश चतुर्थी के समारोह के दौरान भाषण देते हैं और इसके विषय में बताते हैं। इस पेज के माध्यम से आप गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में पढ़ सकते हैं। इस निबंध से आप गणेश चतुर्थी कब, कैसे और क्यों मनाई जाती है और गणेश चतुर्थी का महत्त्व आदि के बारे में जान सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay In Hindi
गणेश चतुर्थी पर निबंध 400 शब्द में
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में मनाया जानें वाला त्यौहार है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल अगस्त या सितंबर के महीनें में (हिंदी कैलेंडर के अनुसार भाद्र माह की चतुर्थी) में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार पूरे 11 दिन का होता है। यह त्यौहार 11 दिनों तक चलने वाला सबसे लंबा त्यौहार है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति लेकर आते हैं और 10 दिन तक उनकी पूजा करने के बाद 11वें दिन गणेश विसर्जन कर देते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार चतुर्थी के दिन घर और मंदिर में गणेश मूर्ति स्थापना से शुरू होता है। लोग अपने घरों में गणेश जी मूर्ति बड़ी धूमधाम से ढोल-नगाड़े बजाकर लेकर आते हैं। गणेश चतुर्थी से कुछ दिनों पहले ही बाजारों में रोनक शुरू हो जाती और मिट्टी से बनीं गणेश जी की अलग अलग तरह की प्रतिमाएँ मिलती है। सभी लोग गणेश चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिन तक अपने घरों और मंदिरों में गणेश भगवान की पूजा और अराधना करते हैं, गीत गाते हैं, नाच गाना करते हैं, मंत्रोच्चारण करते हैं, आरती करते और गणेश जी को मोदक का प्रसाद चढ़ाते हैं। इन दिनों में मंदिरों में खूब साज-सजावट की जाती। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले गणेश भगवान को सबसे पहले याद किया जाता है। गणेश भगवान सभी बच्चों के सबसे प्रिय भगवान हैं। बच्चे उन्हें प्यार से गणेशा बुलाते हैं।
गणेश भगवान के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। एक बार भगवान शिव ने गुस्से में अपने पुत्र गणेश का सर काट दिया था। लेकिन फिर एक हाथी के बच्चे का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया था। इस तरह से गणेश भगवान ने अपना जीवन दोबारा पाया। इस दिन को ही गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। अन्नत चतुर्दशी के दिन यानि 11वें दिन गणेश विसर्जन के साथ गणेश भगवान को विदा कर दिया जाता है और अगले बरस जल्दी आने की कामना की जाती है।