Write an essay on my childhood memories in hindi
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मेरा बचपन सपनों का घर था जहां मैं रोज दादा-दादी के कहानी सुनकर उन कहानियों में ऐसे खो जाता था मानो उन कहानियों का असली पात्र में ही हूं. बचपन के वह दोस्त जिनके साथ रोज सुबह-शाम खेलते, गांव की गलियों के चक्कर काटते और खेतों में जाकर पंछी उड़ाते.
मेरा बचपन गांव में ही बीता है इसलिए मुझे बचपन की और भी ज्यादा याद आती है बचपन में हम भैंस के ऊपर बैठकर खेत चले जाते थे तो बकरी के बच्चों के पीछे दौड़ लगाते थे. बचपन में सावन का महीना आने पर हम पेड़ पर झूला डाल कर झूला झूलते थे और ठंडी ठंडी हवा का आनंद लेते थे.
बचपन में जब कोई डांटता था तो मां के आंचल में जाकर छुप जाते थे. बचपन में मां की लोरियां सुनकर नींद आ जाती थी लेकिन अब वह सुकून भरी नींद नसीब नहीं होती है. बचपन के वो सुनहरे दिन जब हम खेलते रहते थे तो पता ही नहीं चलता कब दिन होता और कब रात हो जाती थी.
बचपन में किसी के बाग में जाकर फल और बैर तोड़ जाते थे तब वहां का माली पीछे भागता था वह दिन किसको याद नहीं आते. शायद इसीलिए बचपन जीवन का सबसे अनमोल पल है.