Hindi, asked by maha1361, 10 months ago

write an essay on pulwama attack in Hindi in 150 words. "please do not copy from any site"


hemlatapingat1: Pulwama attak yah bahut hi khatrnan halla bhartiy sena par huva .is halle ko pakistan aterikiyone madat ki.pulwama halla hamare desh par bahut bada halla huwa tha .is halle ko bhartiya sena ne bhut hi bhawnik paristiti me pratiyottar

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Answered by RacksGamer
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NATION SALUTE YOU••••

यकीनन लौटना हिंदी की एक खूबसूरत क्रिया है। उस कविता से माफी के साथ जिसके अंत में केदारनाथ सिंह ने लिखा कि- जाना हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है। दुनिया लौटने के लिए ही तो घर से निकलती है। पंछी घोंसलों से बाहर जाते हैं और देर शाम लौटते हैं। काफिले लौटते हैं घरों की ओर। किसान लौटते हैं खेत से और महानगर लौटते हैं अपने आशियानों की ओर।

मैं सोचता हूं उन लोगों के बारे में, जो घर से निकलते हैं कभी नहीं लौटने के लिए।

मैं एक खबर सुनता हूं- ''जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला, 42 से ज्यादा जवान शहीद'' उन लोगों के बारे में जो अब कभी घर नहीं लौटेंगे क्योंकि वे लोग युद्ध के नियमों के विरुद्ध मारे गए हैं, उस देश में जो युद्ध के विरुद्ध रहा।

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर हुआ आतंकी हमला उस दंश का हिस्सा है जो देश बीते 3 दशक से झेल रहा है। एक पीड़ा है जिसे इस देश का जवान अपने माथे पर शहादत के कफन के साथ बांधकर निकलता है और घर की दहलीज को पार करता हुआ पहुंचता है कभी नहीं लौटने के लिए।

अलविदा के बारे में बहुत से लोग खामोश हैं। उस अलविदा के बारे में जो सरहद पर पहुंचा जवान मां-पिता, बहन, पत्नी और बच्चों की आंखों में छोड़ आया है जहां केवल इंतजार शेष है।

जाना यकीनन हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है और लौटना बेहद खूबसूरत।

लेकिन सबसे खूबसूरत होता है युद्ध का नहीं होना।

किसी सरहद पर जवान का नहीं होना

कभी किसी युद्ध का नहीं होना

और सरहद का नहीं होना

तथ्यों और आंकड़ों के बीच कई जवानों के शहीद होने और घायल होने की खबर है। आंकड़े बढ़ने के लिए होते हैं और खबर बनने के लिए। जबकि युद्ध के नियम बदलने के लिए होते हैं और युद्ध कभी नहीं होने के लिए।

सेना पर हमला देश पर हमला होता है। देश पर हमला नागरिकों पर हमला होता है। हमले नियमों के विरुद्ध होते हैं और युद्ध मानवता के खिलाफ। एक बार फिर भारत घायल है और आज फिर वे लोग कभी नहीं लौटेंगे जो तैनात थे सीमाओं पर।

जम्मू-कश्मीर में युद्ध के नियमों के विरुद्ध कायराना आतंकी हमले में शहीद देश के जवानों को भावभींनी श्रद्धांजलि। सलाम उन इरादों को जो घर से कभी नहीं लौटने के लिए देश की सुरक्षा में तैनात रहे। उन मांओं और पिताओं को नमन जिनकी आंखों में अब केवल इंतजार शेष रहेगा। पत्नियों को प्रणाम जो शेष रहेंगी अमर जवानों की स्मृतियों के बीच और उन बच्चों और बहनों को हौंसला जिन्होंने राष्ट्र के नाम अपने पिता, भाइयों को न्योछावर कर दिया।

जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को आत्मीय श्रद्धांजलि...

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